भारत सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज (एनएचसीएक्स) गेटवे बनाया है। एनएचसीएक्स का उद्देश्य स्वास्थ्य बीमा दावा प्रसंस्करण को सुव्यवस्थित और मानकीकृत करना, बीमा उद्योग में दक्षता बढ़ाना और रोगी अनुभव में सुधार करना है। एनएचसीएक्स बीमाकर्ताओं, तीसरे पक्ष के लेखा परीक्षकों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, लाभार्थियों और अन्य प्रासंगिक संस्थाओं के बीच स्वास्थ्य दावों की जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक प्रवेश द्वार का काम करता है और सूचना के आदान-प्रदान को सटीक और भरोसेमंद बनाते हुए अंतर-संचालन, मशीन-पठनीयता, लेखा परीक्षा और सत्यापन सुनिश्चित करता है। ये प्रणाली बीमा उद्योग में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाएगी, जिससे पॉलिसीधारकों और रोगियों को लाभ होगा।

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) और साधारण बीमा परिषद (GIC) के समर्थन से राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज मानकीकृत और तेज़ स्वास्थ्य बीमा दावा प्रसंस्करण को सक्षम करेगा। 21.07.2024 तक, 34 बीमाकर्ता और थर्ड पार्टी प्रशासक (टीपीए) वर्तमान में एनएचसीएक्स पर लाइव हैं और लगभग 300 अस्पताल यहां अपने दावे भेजना शुरू करने की तैयारी में हैं।
वर्तमान में, पात्र परिवारों के सभी सदस्य चाहे किसी भी उम्र के हों, आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आते हैं। ये योजना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। 12.34 करोड़ परिवारों के 55 करोड़ व्यक्तियों को माध्यमिक और तृतीयक सेवा अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव गणपतराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में ये जानकारी दी।