केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता (एसजेई) मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार, कल नई दिल्ली के जनपथ स्थित डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के भीम हॉल में सांकेतिक भाषा दिवस-2024 समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री (एसजेई), श्री बी.एल. वर्मा, सम्मानीय अतिथि होंगे।
यह आयोजन भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी), नई दिल्ली द्वारा केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्लूडी) के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
इस वर्ष के सांकेतिक भाषा दिवस-2024 का विषय है “साइन अप फॉर साइन लैंग्युजेज राइट्स”। पूरा विश्व एक बार फिर सांकेतिक भाषाओं द्वारा उत्पन्न एकता पर प्रकाश डालेगा। वैश्विक नेतागण और अन्य सरकारी अधिकारियों को बधिर लोगों के भाषाई मानवाधिकारों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजन अधिकारों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रयास करने के लिए आमंत्रित किया गया है; और, सांकेतिक भाषा दिवस पर बधिर समुदायों के लिए एक ठोस लक्ष्य की प्राप्ति की घोषणा करने के लिए हमारे स्थानीय और राष्ट्रीय संघों के साथ काम करके सांकेतिक भाषा अधिकारों के लिए साइन अप करें।
इस कार्यक्रम के दौरान, निम्नलिखित भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) शब्दावली और वीडियो लॉन्च किए जाएँगे:
1. भारतीय सांकेतिक भाषा में 2500 शब्दों की शुरुआत: आईएसएलआरटीसी ने इस क्षेत्र में काम करने वाले 4 संगठनों के साथ मिलकर भारतीय सांकेतिक भाषा में 2500 शब्दों को विकसित किया है, जिससे मौजूदा आईएसएल शब्दकोश का विस्तार होगा। ये संगठन हैं: यूनिकी, हैदराबाद (1000 शब्द), इंडिया साइनिंग हैंड्स, मुंबई (500 शब्द), ब्रिज कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस, दिल्ली (500 शब्द) और अनुप्रयास, मोहाली (500 शब्द)। ये 2500 शब्द विभिन्न स्कूली विषयों जैसे गणित, विज्ञान, भाषा, भूगोल और उच्च शिक्षा के क्षेत्रों जैसे दर्शनशास्त्र, भाषा विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, आदि, और खेल, बुनियादी ढांचा, सुलभता, आदि को शामिल करते हैं।
2. आईएसएल में 100 कांसेप्ट वीडियोज की शुरुआत: आईएसएलआरटीसी ने यूनिकी के साथ मिलकर कक्षा 6 के बधिर छात्रों के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा में 100 कांसेप्ट वीडियो विकसित किए हैं, जिसमें गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और भाषा जैसे विभिन्न स्कूली विषयों को शामिल किया गया है। इन कांसेप्ट वीडियो की विशेषताएं हैं: आईएसएल में विस्तृत व्याख्या, जिससे कांसेप्ट की स्पष्टता विकसित होती है, सीखने को बढ़ावा देने के लिए ग्राफिक छवियां, समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऑडियो और उपशीर्षक, सीखने के परिणामों और शैक्षणिक उपलब्धियों में सुधार के लिए रेखाचित्र और उदाहरण
3. आईएसएल शब्दकोष का 10 भाषाओं में प्रकाशन: सुलभता को बढ़ावा देने के लिए, आईएसएल शब्दकोश 10 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।
4. आईएसएल में शैक्षिक एनिमेटेड वीडियो का लांच: बधिर बच्चों के बीच नैतिक मूल्यों और नए सीखने के अनुभव को विकसित करने और समावेशी सीखने के माहौल को बढ़ावा देने के लिए।
5. आईएसएल में बधिर रोल मॉडल वीडियो का लांच: बधिर बच्चों के बीच प्रेरणा, प्रेरणा, उद्देश्य की भावना, नैतिक मूल्य और मार्गदर्शन पैदा करने के लिए।
6. केंद्र द्वारा 7वें भारतीय सांकेतिक भाषा प्रतियोगिता, 2024 का आयोजन: श्रवण बाधित छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगित का आयोजन किया गया। छात्रों ने प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी रचनात्मकता और ज्ञान का प्रदर्शन किया है। सातवीं आईएसएल प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को सांकेतिक भाषा दिवस 2024 कार्यक्रम के दौरान ट्रॉफी और प्रमाण पत्र वितरित किए जाएँगे।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस घोषित करने के बाद से आईएसएलआरटीसी हर साल इस अवसर पर उत्सव का आयोजन करता है। डीईपीडब्लूडी और आईएसएलआरटीसी हमारे समाज के सभी वर्गों में आईएसएल के बारे में सकारात्मक जागरूकता पैदा करने के लिए, सांकेतिक भाषा दिवस में अधिक नागरिकों, हितधारकों, सेवा प्रदाता एजेंसियों, बधिर बच्चों के लिए स्कूलों, गैर-सरकारी संगठनों, कार्यकर्ताओं, बधिर समाज के नेताओं, शिक्षकों, शोधकर्ताओं आदि को शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
यह दिन हमें भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के एक भाग के रूप में सांकेतिक भाषाओं को संरक्षित करने की आवश्यकता और महत्व की याद दिलाता है। भारतीय सांकेतिक भाषा, बधिर शिक्षा और सभी क्षेत्रों के दिव्यांग लोगों के क्षेत्र में काम करने वाले सभी पेशेवर, बधिर बच्चों के माता-पिता, बधिर छात्र और संस्थान सांकेतिक भाषा दिवस समारोह में शामिल होने वाले महत्वपूर्ण लक्षित समूह हैं।
इस अवसर पर शामिल होने वाले गणमान्य व्यक्ति श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, डीईपीडब्लूडी; डॉ. शरणजीत कौर, अध्यक्ष, आरसीआई; श्री राजीव शर्मा, संयुक्त सचिव, डीईपीडब्लूडी; और, डॉ. जितेंद्र शर्मा, निदेशक, आईएसएलआरटीसी होंगे एवं राष्ट्रीय बधिर संघ, अखिल भारतीय बधिर महिला संघ और इंदौर बधिर द्विभाषी अकादमी और बधिर समुदाय के अन्य प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।