प्रधानमंत्री ने दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ अपने जुड़ाव पर चर्चा की और वक्फ अधिनियम लाने में सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के योगदान की प्रशंसा की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की।

प्रतिनिधिमंडल में व्यापारिक नेता, पेशेवर, चिकित्सक, शिक्षक और दाऊदी बोहरा समुदाय के विभिन्न प्रमुख प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने अपने संघर्षों के बारे में बताते हुए कहा कि किस तरह उनके समुदाय के सदस्यों की संपत्तियों पर वक्फ ने गलत तरीके से दावा किया। उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम लाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह लंबे समय से उनकी मांग थी।

उन्होंने दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ प्रधानमंत्री के लंबे समय से चले आ रहे विशेष संबंध और उनके द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों के बारे में चर्चा की। अपने समुदाय के लिए अधिनियम के लाभ के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यह अधिनियम न केवल अल्पसंख्यकों के लिए बल्कि अल्पसंख्यकों के भीतर अल्पसंख्यकों के लाभ के लिए लाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने सदैव उनकी पहचान को पनपने दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, वे समावेश की भावना महसूस करते हैं।

प्रधानमंत्री के वर्ष 2047 तक विकसित भारत की परिकलपना के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने भारत को विकसित बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता और हर संभव सहायता का अश्वासन दिया। उन्होंने उनके नेतृत्व की भी प्रशंसा की जो इस पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है कि सच्चा विकास लोगों पर केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत, एमएसएमई आदि के लिए समर्थन जैसी कई प्रमुख पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए बहुत सहायक रहे हैं। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और नारी शक्ति को सशक्त बनाने की दिशा में अन्य उपायों की भी प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने वक्फ संशोधन अधिनियम को लाने के पीछे वर्षों की मेहनत के बारे में बताया। उन्होंने वक्फ के कारण लोगों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस अधिनियम को लाने के पीछे एक प्रमुख कारण यह था कि प्रचलित व्यवस्था से सबसे अधिक महिलाएं, विशेष रूप से विधवाएं पीड़ित थीं।

प्रधानमंत्री ने दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों के साथ अपने मजबूत संबंधों का स्मरण किया। उन्होंने सामाजिक कल्याण की दिशा में काम करने की समुदाय की परंपरा की प्रशंसा की, जिसे उन्होंने वर्षों से देखा है। उन्होंने अधिनियम को लाने में समुदाय के विशेष योगदान को भी रेखांकित किया। श्री मोदी ने कहा कि जब वक्फ संशोधन अधिनियम लाने की दिशा में काम शुरू हुआ, तो सबसे पहले जिन लोगों से उन्होंने इस बारे में चर्चा की, उनमें से एक सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन थे, जिन्होंने अधिनियम की विभिन्न बारीकियों के बारे में विस्तृत सुझाव देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *