जब तक बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार बंद नहीं हो जाते, भारत-बांग्लादेश क्रिकेट मैच रद्द करें !
जब बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार आज भी हो रहे हैं, तो बांग्लादेश और भारत के बीच क्रिकेट मैचों का आयोजन हिन्दुओं के घावों पर नमक छिड़कने का एक अपमानजनक तरीका है। हिन्दू जनजागृति समिति ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध अत्याचार बंद होने तक सभी भारत-बांग्लादेश क्रिकेट मैच और बांग्लादेशी कलाकारों के सभी कार्यक्रम रद्द करने की मांग की है। इस संबंध में हिंदू जनजागृति समिति की ओर से ‘भारतीय क्रिकेट नियामक मंडल’ (BCCI) के विशेष कार्यकारी अधिकारी को एक निवेदन सौंपा गया। इस अवसर पर हिंदू जनजागृति समिति के अधिवक्ता अनीश परळकर, मानव सेवा प्रतिष्ठान के श्री. विनायक शिंदे, धर्मप्रेमी अधिवक्ता राहुल पाटकर, श्री. रविंद्र दासारी और श्री. संदीप तुळसकर उपस्थित थे। इस निवेदन की प्रतिलिपि देश के प्रधानमंत्री मा. नरेंद्र मोदी, केंद्रीय खेल मंत्री और विदेश मंत्री को भी भेजी गई है।
इस निवेदन में कहा गया है कि, बांग्लादेश के विरुद्ध भारत के दो टेस्ट क्रिकेट मैच और तीन टी20 मैच 19 सितंबर से 12 अक्टूबर 2024 तक भारत में आयोजित किए गए हैं। ये क्रिकेट मैच चेन्नई, कानपुर, ग्वालियर, दिल्ली और हैदराबाद में होंगे। वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं । अब तक 230 लोगों की मौत हो चुकी है और बांग्लादेश के 64 में से 52 जिलों में हिन्दू विरोधी हिंसा की घटनाएं हुई हैं । शेख हसीना सरकार के इस्तीफे के बाद हिन्दुओं पर हमले बढ गए हैं । हिंसा विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में अधिक है, जहां हिन्दू समुदाय असुरक्षा के माहौल में रहता है। हाल ही में उत्सव मंडल नामक हिन्दू नवयुवक की कथित ईशनिंदा के आरोप में जिहादी भीड़ ने सीधे थाने में घुसकर दोनों आंखें निकाल कर कुचल दीं । इस तरह बांग्लादेश में लगातार हिन्दुओं पर हमले, नृशंस हत्याएं दिनदहाड़े हो रही हैं ।
जैसे अन्य मुस्लिम देश मुस्लिम समुदाय पर किसी भी हमले का कड़ा विरोध करते हैं, भारत को हिन्दुओं पर हमलों के विरुद्ध वही रुख अपनाना चाहिए। बांग्लादेश में कट्टर जिहादी खुलेआम हिन्दुओं को मारेंगे, हिन्दू घरों को जलाएंगे, हिन्दू मंदिरों को तोड़ेंगे, जमीन हड़पेंगे, हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार करेंगे और क्या हमें उनके साथ क्रिकेट मैच खेलना चाहिए? समिति ने कहा, हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।