भारत का 78 वा स्वंत्रता दिवस है ओर भारत से धार्मिक आधार पर अलग हुए बांग्लादेश में आतंकी कट्टर मुसलमानों द्वारा जिस तरह हिंदुओ पर अत्याचार हो रहे हैं उससे ये तो बात मुसलमानों ने शाबित कर ही दी है की जहां भी मुस्लिम जनसख्या में अधिक होते हैं.ये अन्य धर्म, पंत, सम्प्रदाय रिलिजन के लिए भविष्य में खतरा होते हैं.
वर्तमान में जिस तरह बांग्लादेश में राजनितिक आपातकाल की स्तिथि बनी है ओर बांग्लादेश की प्रधानमत्री अपनी जान बचा कर भारत में शरणार्थी की तरह आयी हुई है.भारत सरकार द्वारा शेख हसीना को राजनितिक शरण दी गयी है. भारत द्वारा विश्व को ये संदेश दिया गया की भारत के लिए अतिथि देवो भवः होता है.वहीं बांग्लादेश के आतंकी जिहादी कट्टर मुस्लिम आबादी इस आपातकालीन स्तिथि में जिस तरह से बंगाल में हिन्दुओं का जिनोसाइड कर रहे है।उसे देख के विश्व को आतंकी जिहादी कट्टर मुस्लिम की मनोदशा विकृति मानसिकता का पता चल रहा है.
जिस तरह आतंकी कट्टर अवसरवादी मानसिकता वाले मुस्लिम नेताओं ने 1947 में भारत के टुकड़े ये कह कर किये की मुस्लिम किसी अन्य धर्म संप्रदाय के साथ नहीं रह सकता इस सोच की सच्चाई आज 2024 में फिर बंगाल में आपातकाल स्तिथि में हिंदु महिलाओं के साथ बलात्कार हिंदुओ पर हो रहे अत्याचार, जबरन धर्म परिवर्तन के बंगाल में हो रहे निरंतर घटनाओं से फिर जिहादी मुस्लिमों द्वारा इंसानियत को तार तार कर दिया है.
राष्ट्रहित सर्वोपरि संगठन भारत सरकार विश्व जननायक नरेन्द्र मोदी जी से मांग करता है. सरकार को विश्व को साथ लेकर बंगाल की वास्तविक हालत से अवगत करा कर जल्द से जल्द युद्ध से या कूटनीतिक तरीके से बंगाल के हिन्दुओं के लिए धार्मिक आधार पर सेपरेट एडमिनिस्ट्रेशन सेपरेट नेशन के लिए विश्व पटल पर आवाज़ बुलंद करनी चाहिए. हिन्दुओं के लिए एक अलग देश भारत से सटे बंगाल के हिस्से में बनाया जाना चाहिए या भारत में ही बंगाल के उस हिस्से का विलय करा कर भारत का ही एक राज्य बनाना चाहिए. बांग्लादेश भारत का ही हिस्सा था ये इतिहास विश्व जानता है.
1947 में भारत का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था वर्तमान में धार्मिक आधार से भारत से अलग हुए भुभाग बंगालदेश में सेना द्वारा राजनीतिक तख्ता पलट करने से जो उन्माद फैला है उससे निपटने के लिए सेना शशक्त नहीं है ये वर्तमान हालतों से सिद्ध हो रहा है. बंगालदेश की सेना सरकारें जिहादि मानसिकता वाले मुस्लिमों से हिंदु आबादी को बचाने में असमर्थ है.अपितु सेना भी इन्हीं का साथ देते हुए पायी गयी है. इसलिए भारत को बांग्लादेश में रहने वाले हिन्दुओं को बचाने के लिए धार्मिक आधार पर सेपरेट नेशन की मांग विश्व पटल पर रखते हुए बांगलादेश में रह रहे हिन्दुओं के भविष्य को भी सुरक्षित करने के लिए बांगलादेश का धार्मिक आधार पर विभाजन करने की हमारे संगठन की मांग को विश्व पटल पर उठाना चाहिए.