वस्त्र मंत्रालय ने जिनर्स को कस्तूरी कॉटन भारत ब्रांड का उत्पादन करने का अधिकार किया

वस्त्र मंत्रालय का कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम भारतीय कपास की ट्रेसेबिलिटी, प्रमाणन और ब्रांडिंग का अग्रणी प्रयास है। कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम और ट्रेसेबिलिटी के लिए ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन का विवरण-

भारत सरकार, व्यापार निकायों और उद्योग के बीच एक गठबंधन, कस्तूरी भारत पहल को भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय और कपास वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद की ओर से भारतीय कपास निगम के बीच 15.12.2022 को हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से व्यापार और उद्योग निकायों से 15 करोड़ रुपये सहित 30 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन के साथ औपचारिक रूप दिया गया।

आपूर्ति श्रृंखला में कस्तूरी कॉटन भारत टैग की गई गांठों की पूरी ट्रेसेबिलिटी प्रदान करने के लिए, प्रसंस्करण के प्रत्येक चरण में क्यूआर आधारित प्रमाणन प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है और एक ब्लॉक-चेन आधारित सॉफ्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म समग्र ट्रेसेबिलिटी और ट्रांजेक्शन प्रमाणपत्र प्रदान करेगा। इस संबंध में, क्यूआर कोड सत्यापन और ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी के साथ माइक्रोसाइट विकसित की गई है।

कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर प्रचालित है तथा इसका प्रचार-प्रसार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। इसलिए, धनराशि का आवंटन राज्य स्तर पर नहीं किया जाता है।

कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम के अंतर्गत ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी का कार्यान्वयन आंध्र प्रदेश सहित संपूर्ण भारतीय कपास मूल्य श्रृंखला के हितधारकों के लिए तैयार किया गया है।

आंध्र प्रदेश सहित देश के सभी जिनरों को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कस्तूरी कॉटन भारत ब्रांड का उत्पादन करने का अधिकार दिया गया है और आंध्र प्रदेश की 15 जिनिंग और प्रेसिंग इकाइयों सहित लगभग 343 आधुनिक जिनिंग और प्रेसिंग इकाइयों को कस्तूरी कॉटन पहल में भाग लेने के लिए पंजीकृत किया गया है और आंध्र प्रदेश की लगभग 100 गांठों को कस्तूरी कॉटन भारत ब्रांड के तहत प्रमाणित किया गया है।

यह जानकारी केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्र मार्गेरिटा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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