बांग्लादेश तख्ता पलट में अमेरिका का हाथ , चीन, पाकिस्तान का साथ हिन्दुओं पर सबसे ज्यादा मार

नन्द किशोर जोशी

भारत के पड़ोसी देश बंग्लादेश में उथल-पुथल मची हुई है। सत्ता का तख्ता पलट होगया है। वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना तथा बहन शेख रेहाना भारत की शरण में आगयी हैं फिलहाल।

दोनों बहनों को राजनीतिक शरण चाहिए यूरोप के किसी भी देश में, खासकर इंग्लैंड, फिनलैंड, होलैंड या स्वीडन में। जबतक यूरोपीय देश में उन्हें राजनीतिक शरण नहीं मिलती है ,तब तक वे दोनों भारत में ही रहेंगी।

बंग्लादेश आजाद हुआ 1971 में पाकिस्तान के कब्जे से भारत की मदद लेकर।भारत ने 1971 में अरबों रुपए खर्च किए बंग्लादेश के मुक्ति संग्राम में। वहां भारत की सेना को भी भेजना पड़ा , पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से बंग्लादेश के लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए।

लेकिन 4 साल पश्चात ही बंग्लादेश की सेना ने तख्ता पलट दिया।15 अगस्त,1975 को वहां के राष्ट्रपति तथा बंग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की परिवार समेत हत्या कर दी गयी।

वहां की सेना के जेनरल जियाउर्रहमान ने शासनभार संभाला।
उनकी बेगम का नाम है खालिदा जिया। खालिदा भी प्रधानमंत्री आसन पर बैठ चुकी हैं। भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद थीं,कल जेल से सेना ने रिहा कर दिया है।

खालिदा बेगम संपूर्ण रुप से भारत विरोधी हैं। अमेरिका, चीन, पाकिस्तान की समर्थक रही हैं।अब अंतरिम सरकार में इनका डंका बजेगा, यानि भारत विरोधी डंका बजेगा, यानि अमेरिका , चीन, पाकिस्तान की बल्ले-बल्ले होगी ।

शेख हसीना भारत की समर्थक रही हैं।भारत भी शेख हसीना की नेतृत्व वाली सरकार को भरपूर समर्थन देता आया है।अब भारत को काफी सतर्क रहना होगा। सीमा पर भारत ने चौकसी बढा दी है।

बंग्लादेश में आज की तारीख में 8% हिन्दू लोग रहते हैं।कल से ही मौलवादियों ने अमेरिका, चीन, पाकिस्तान की शह पर हिन्दुओं के घरों पर तोड़फोड़ करना शुरु कर दिया है। हिन्दुओं के मंदिरों को नुक्सान पहुंचाया गया है।

अब बंग्लादेश के नये हालात के मद्देनजर भारत के , वहां रह रहे हिन्दुओं के स्वार्थ की देखभाल करनी चाहिए। वहां रह रहे इस्लामीक कट्टरपंथी विरोधी ताकतों को प्रोत्साहित करना चाहिए,तभी भारत की सीमाएं सुरक्षित रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *