देशभर में 71 स्थानों पर तथा कोलकाता के न्यू राज पैलेस में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में संपन्न

  • रामराज्य के लिए साधना करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार,अनैतिकता और अराजकता से लड़ना चाहिए – श्रीमती बबिता गांगुली, हिन्दू जनजागृति समिति

कोलकाता – व्यक्तिगत जीवन में साधना करने से अंतरात्मा में रामराज्य की स्थापना होगी; परंतु सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन में रामराज्य की स्थापना के लिए हमें अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार, अनैतिकता और अराजकता के विरुद्ध लड़ना होगा। हमारे विचार और व्यवहार हिंदू संस्कृति के अनुकूल होने चाहिए। ‘हैलो’ नहीं, बल्कि नमस्कार या ‘राम-राम’ कहना, यह हमारी संस्कृति है; ‘टीवी’ पर धारावाहिक देखना नहीं, बल्कि ‘कीर्तन-भजन’ देखना, यह हमारी संस्कृति है; कोई अभिनेता नहीं, बल्कि राम-कृष्ण हमारे संस्कृति द्वारा दिए गए आदर्श हैं। हमारे आचरण और व्यवहार में हम संस्कृति की रक्षा करें। धर्म का पालन करें, ऐसा आवाहन हिंदू जनजागृति समिति की श्रीमती बबिता गांगुली ने किया।

कोलकाता के न्यू राज पैलेस में गुरु पूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । देशभर में 71 स्थानों पर ‘गुरु पूर्णिमा महोत्सव’ मनाया गया । इस कार्यक्रम में भारतीय साधक समाज के संस्थापक श्री. अनिर्बान नियोगी जी ने मार्गदर्शन करते हुए कहा, भारत में प्राचीन काल से व्यास पूर्णिमा, गुरुपूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है क्योंकि हमारा समाज गुरुमुखी समाज है । गुरु आध्यात्मिक मार्ग की ओर अग्रसर कर ईश्वर से एकरूप कराते हैं। गुरुकृपायोगानुसार साधना करने की सीख भी दी है जो ज्ञान योग, भक्ति योग और कर्मयोग का अनुठा संगम है। समाज में हो रहे अधार्मिक कृत्यों तथा हिन्दु धर्म पर विभिन्न माध्यमों से हो रहे आघात, को रोकने एवं समाज को उचित मार्ग पर अग्रसर करने का प्रयास करना ही खरी गुरुभक्ति है। इस प्रकार *सुदृढ़ एवं उन्नत समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी व्यष्टि एवं समष्टि साधना, ऐसा प्रतिपादन श्री अनिर्बान नियोगी ने किया।

महोत्सव की शुरुआत श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराज की प्रतिमा पूजा से हुई। देश-विदेश के भक्तों को गुरुपूर्णिमा का लाभ मिल सके इसके लिए हिंदू जनजागृति समिति द्वारा कन्नड़ और बंगाली भाषाओं में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव भी संपन्न हुए। इस माध्यम से देश-विदेश के भक्तों ने ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का लाभ लिया।

 

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