एक बड़ी सफलता में, पुलिस कर्मियों और सीआरपीएफ कोबरा जवानों की एक टीम ने ओडिशा के मलकानगिरी जिले के पड़ोसी छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र से छह खूंखार माओवादियों को गिरफ्तार किया।

सुरक्षा बलों ने 19 बीजीएम बम और जिलेटिन की छड़ें सहित हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी जब्त किया। ऐसा माना जाता है कि यह इस क्षेत्र में वामपंथी चरमपंथियों से जब्त किए गए अब तक के सबसे बड़े जखीरे में से एक है।
कथित तौर पर, गिरफ्तार माओवादी सुरक्षा बलों और निर्दोष स्थानीय लोगों दोनों के खिलाफ कई हमलों और हिंसा के कृत्यों में शामिल थे।
2024 में अब तक ओडिशा में माओवादी गतिविधियाँ
23 जनवरी, 2024: ओडिशा के बौध और कंधमाल जिलों की सीमा से लगे नालिकुम्पा जंगल में सुरक्षा बलों और माओवादी उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद जहां पुलिस ने एक माओवादी शिविर को नष्ट कर दिया, वहीं सुरक्षा बलों ने शिविर से भारी मात्रा में हथियार और बारूदी सुरंगों सहित विस्फोटक भी जब्त किए।
6 फरवरी, 2024: माओवादी शिविर में महिलाओं के यौन शोषण का हवाला देते हुए, दो महिला माओवादियों ने बौध जिले में आईजीपी दक्षिणी रेंज, बेरहामपुर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों महिला माओवादियों में से एक आठवीं कंपनी की सदस्य थी और दूसरी सीपीआई (माओवादी) के कालाहांडी-कंधमाल-बौध-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन की पार्टी सदस्य थी।
9 फरवरी, 2024: ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के बारकोटे घाट के पास सुनाबेड़ा अभयारण्य के घने जंगलों के अंदर माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी की सूचना मिली। गोलीबारी तब हुई जब स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवान इलाके में तलाशी अभियान चला रहे थे।
15 फरवरी, 2024: स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) के कई जवान गुरुवार को बौध की कंटामल पुलिस सीमा के तहत नालिकुम्पा जंगल में एक तलाशी अभियान के दौरान एक आईईडी विस्फोट में घायल हो गए। बताया जा रहा है कि आईईडी माओवादियों ने लगाया था।
23 फरवरी, 2024: माओवादियों ने बरगढ़ जिले के अंतर्गत पाइकमल जंगल में अपनी उपस्थिति का एहसास कराया जब उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की। सुरक्षा बल पाइकमल जंगल में तलाशी अभियान चला रहे थे, तभी माओवादियों ने मुठभेड़ के बाद उन पर गोलियां चला दीं।
9 मार्च, 2024: माओवादियों ने पुलिस मुखबिरी के संदेह में एक जोड़े की हत्या कर आतंक फैलाया। यह चौंकाने वाली घटना कंधमाल जिले के गिदापदर गांव से सामने आई है।