एनएचआरसी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में कॉलेज के संकाय सदस्‍य द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न के कारण एक छात्रा द्वारा की गई आत्महत्या की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया कि कॉलेज के संकाय सदस्य द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न को सहन करने में असमर्थ, डिप्‍लोमा प्रथम वर्ष की छात्रा ने दिनांक 28 मार्च, 2024 को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के कोम्माडी क्षेत्र में चैतन्य इंजीनियरिंग कॉलेज की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। कथित तौर पर, उसने अपने पिता को मोबाइल फोन पर एक संदेश में कहा कि कॉलेज में छात्राओं का यौन उत्पीड़न आम बात है और प्रबंधन इसे रोकने में सक्षम नहीं है।

आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है, जो चिंता का विषय है। तदनुसार, आयोग ने आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में जांच की स्थिति भी शामिल होनी चाहिए।

आयोग ने आगे कहा है कि जाहिर तौर पर, संस्थान में अधिकारियों के लापरवाह और असावधानी पूर्ण रवैये के कारण यह घटना हुई है। इसके साथ ही कॉलेज में अन्य छात्रों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की गहन जांच की जानी चाहिए ताकि अपराधियों पर मामला दर्ज किया जा सके तथा जीवन और गरिमा के अधिकार के उल्लंघन की ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

दिनांक 30 मार्च, 2024 को जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता का कॉलेज के एक संकाय सदस्य ने यौन उत्पीड़न किया था, जिसने उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींची थी और उसे ब्लैकमेल कर रहा था कि वह इन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड कर देगा।

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