राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि बिहार के दरभंगा जिले में, 13 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की मृत्यु हो जाने तक भी पुलिस यह न जान सकी कि उसके माता-पिता और गांव की पंचायत ने उसका बलात्कार करने वाले से पीडि़ता के परिवार को 1.25 लाख रुपये देने के लिए कहकर मामले को सुलझाने की कोशिश की थी। कथित तौर पर, राशि प्राप्त करने के बाद पीड़िता के परिवार ने उसे यह कहते हुए आरोपी के घर भेज दिया कि कोई भी अब उससे शादी नहीं करेगा। घर से बाहर निकाले जाने से पहले वह 5 दिनों तक आरोपी के साथ रही। इसके बाद, उसके माता-पिता ने उसे उसकी बड़ी बहन के घर भेज दिया, जहां 1 मार्च, 2024 को यौन उत्पीड़न के 16 दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो यह पीड़ित लड़की के मानव अधिकारों का उल्लंघन है। तदनुसार, आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में मामले में की गई जांच की स्थिति भी शामिल होनी चाहिए। अधिकारियों से यथाशीघ्र, 6 सप्ताह से पहले जवाब अपेक्षित है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 19 मार्च, 2024 को पीड़िता के साथ उसी गांव के एक व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न किया था जब वह दरभंगा जिले के वाजिदपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके में मवेशियों को चराने गई थी। कथित तौर पर, पीड़िता को कोई चिकित्सा उपचार उपलब्ध नहीं कराया गया था। पुलिस ने पीड़िता के शव को कब्र से बाहर निकाला और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।