हाथरस (यूपी)

दो सगे भाइयों द्वारा पुलिस की पिटाई से आहत होकर आत्म हत्या करने के मामले को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने मामले पर सख्त कदम उठाते हुए चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि मृतकों के संबंधियों को 7,00,000/- रुपए (प्रत्येक को सात लाख रुपए) का मौद्रिक मुआवजा देने की सिफारिश क्यों न करे।
मामला हाथरस जिले का है । जहां सादात पुलिस की पिटाई से आहत किसान संजय सिंह ने आत्म हत्या कर लिया है, जो सभ्य समाज पर एक कलंक है। हाथरस पुलिस ने आगरा के किसान संजय सिंह को तीन दिन थाने में रखकर बेरहमी से पिटाई की थी। आरोप है कि उसका साला नाबालिक लड़की को भगा ले गया था। पुलिस की पिटाई से आहत किसान ने आत्म हत्या कर लिया। घटना बरहन थाना क्षेत्र के गांव रूपधनू की है। पुलिस ने संजय के भाई प्रमोद को भी हिरासत में लिया और एक लाख रुपए रिश्वत की मांग की। जिससे तंग आकर मृतक के भाई प्रमोद सिंह ने दिनांक 24/06/2024 को आत्म हत्या कर ली। जांच अधिकारी हरिओम पर उसे परेशान/ प्रताड़ित करने और पैसे की मांग करने का गंभीर आरोप लगा है। घटना के बाद थाना बरहन जिला आगरा में उपनिरीक्षक हरिओम और थाना सादाबाद के विरुद्ध प्राथमिकी संख्या 121/24 धारा 306 आईपीसी दर्ज की गई है।
मामला प्रकाश में आने के बाद घटना की गंभीरता को देखते हुए मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने आयोग में शिकायत भेजकर मृतकों के परिजन को उचित मुआवजा दिलाने एवं दोषी पुलिस अधिकारियों/ कर्मियों के ऊपर कठोरतम कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
सगे भाइयो के मृत्यु संबंधित मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश सरकार को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 18 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि चीफ सेक्रेटरी बताए की आयोग मृतक गिरफ्तार भाइयों संजय सिंह और उनके भाई प्रमोद सिंह को मुआवजे के रूप में 7,00,000/- रुपए (प्रत्येक को सात लाख रुपए) का मौद्रिक मुआवजा देने की सिफारिश क्यों न करे, जिन्हें ने सादाबाद पुलिस, हाथरस के पुलिस अत्याचारों से बचाने के लिए 22.06.3024 और 24.06.2024 को आत्महत्या कर ली। आयोग ने कारण बताओ नोटिस का जबाव छह सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मामलें में सुनवाई करते हुए आयोग ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश देते हुए कहा है कि तत्कालीन थाना प्रभारी मुकेश कुमार सहित संबंधित पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही आयोग ने पुलिस महा निदेशक को यह भी निर्देश दिया कि थाना बरहान जिला आगरा में उप निरीक्षक हरिओम और थाना सादाबाद के विरुद्ध दर्ज एफआईआर संख्या 121/24 धारा 306 आईपीसी की वर्तमान स्थिति को छह सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करे।