राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि कर्नाटक के बेंगलुरु के राजाजीनगर स्टेशन पर एक अधिकारी ने एक किसान को मेट्रो ट्रेन में चढ़ने से इसलिए रोक दिया क्योंकि उसके कपड़े गंदे थे। कथित तौर पर, घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह उसके मानव अधिकारों का उल्लंघन है। किसी भी व्यक्ति को उसके पहनावे की प्रकृति के आधार पर लोक परिवहन तक पहुंच से वंचित नहीं किया जा सकता है। यदि किसी के पास कोई आपत्तिजनक सामग्री है तो उसे कानून के प्रावधानों के तहत ही रोका जा सकता है।
तदनुसार, आयोग ने कर्नाटक सरकार के मुख्य सचिव और बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदम भी शामिल होने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
दिनांक 27 फरवरी 2024 को मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में किसान मेट्रो स्टेशन के बैग चेकिंग प्वाइंट पर सिर पर सामान की बोरी लेकर खड़ा दिख रहा था। जब एक अधिकारी ने किसान को रोका, तो एक अन्य यात्री ने अधिकारी की हरकत पर आपत्ति जताई और उससे वह नियम दिखाने को कहा जिसके तहत मेट्रो यात्रियों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य है या क्या मेट्रो केवल वीआईपी लोगों के लिए ही है। उन्होंने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया।