राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि दिनांक 19 फरवरी, 2024 को अजमेर केंद्रीय कारागार में एक 45 वर्षीय एचआईवी पॉजिटिव कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कथित तौर पर, जेल कर्मचारियों के साथ लड़ाई के दौरान लोहे की छड़ (रॉड) से खुद को मारने के बाद कैदी की मौत हो गई।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह मानव अधिकारों के उल्लंघन का मामला है, जो जेल अधिकारियों की ओर से बरती गई लापरवाही की ओर इशारा करती है। जेल अधिकारियों को लोहे की छड़ जैसी वस्तुओं को कैदियों की पहुंच से दूर रखने के लिए अतिरिक्त सावधानी और सुरक्षा बरतनी चाहिए थी। तदनुसार, आयोग ने महानिदेशक, कारागार, राजस्थान को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट में जेल में प्रवेश के बाद से मृतक का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड, जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग और मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट के अलावा, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदम भी अपेक्षित है।
आयोग ने अधिकारियों से मृतक कैदी की सही उम्र के बारे में भी जानकारी मांगी है क्योंकि अधीक्षक, अजमेर केंद्रीय कारागार की सूचना में मृत कैदी की उम्र 61 वर्ष बताई गई है।