बांग्लादेश पर प्रतिबंध तथा कट्टरपंथी गुटों पर कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा रणधीर वर्मा चौक, धनबाद में आंदोलन

*धनबाद*– बांग्लादेश के मयमनसिंह क्षेत्र में हिंदू नागरिक दीपु चंद्र दास को कट्टरपंथी भीड़ द्वारा पेड़ से बाँधकर जिंदा जला दिए जाने की अमानवीय घटना सामने आई है। इसके साथ ही बांग्लादेश में हिंदू समाज को लक्षित कर उनके घरों, दुकानों एवं धार्मिक स्थलों को सुनियोजित रूप से जलाया जा रहा है। हिंदू जनजागृति समिति एवं अन्य संगठनों ने इस निरंतर चल रही हिंदू-विरोधी हिंसा का तीव्र विरोध करते हुए रणधीर वर्मा चौक पर आंदोलन किया तथा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह तथा बांग्लादेश के उच्चायुक्त को संबोधित एक ज्ञापन, धनबाद उपायुक्त श्री आदित्य रंजन के माध्यम से कार्रवाई हेतु सौंपा।

ज्ञापन में भारत सरकार से मांग की गई है कि बांग्लादेश में सतत जारी हिंदू-विरोधी हिंसा को रोकने के लिए उस पर आर्थिक, व्यापारिक एवं राजनैतिक प्रतिबंध लगाए जाएँ। साथ ही बांग्लादेश में सक्रिय आतंकवादी एवं कट्टरपंथी गुटों के विरुद्ध कठोर सैन्य कार्रवाई की मांग उठाई गई।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि बांग्लादेश के प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी पर ढाका में गोलीबारी हुई जिसमें उनकी मृत्यु हो गई, तत्पश्चात हिंदू समाज के विरुद्ध सुनियोजित हिंसा को और तेज कर दिया गया। हिंदुओं के घरों, दुकानों तथा मंदिरों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। प्रत्यक्ष वीडियो, साक्ष्य एवं अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स से यह सत्य उजागर हो चुका है, इसके बावजूद बांग्लादेश सरकार प्रभावी कार्रवाई करने से बच रही है।
जनगणना के आँकड़ों के अनुसार वर्ष 1941 में बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या लगभग 28 प्रतिशत थी, जो आज घटकर मात्र 7–8 प्रतिशत रह गई है। यह स्थिति स्पष्ट रूप से हिंदू-निर्मूलन की प्रक्रिया को दर्शाती है।
ज्ञापन में आगे भारत-बांग्लादेश समझौतों के अंतर्गत अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता के संरक्षण, संयुक्त राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इस विषय को उठाकर फैक्ट-फाइंडिंग मिशन भेजने, उत्पीड़ित हिंदुओं को भारत में नागरिकता व पुनर्वास नीति लागू करने, मंदिरों एवं हिंदू धार्मिक संपत्तियों का संयुक्त सर्वेक्षण कराने तथा बांग्लादेशी हिंदू समाज से सीधा संवाद तंत्र स्थापित करने जैसी प्रमुख मांगें रखी गई हैं। भारत, विश्व का सबसे बड़ा हिंदू-बहुल राष्ट्र होने के नाते, बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु राजनैतिक, कानूनी एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस प्रयास करे, ऐसी मांग हिंदू संगठनों द्वारा की गई है।

आन्दोलन में भारत सेवाश्रम संघ से स्वामी प्रज्ञात्मानंद महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति से श्री शंभू गवारे, हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति से डॉ निशांत दास, तरुण हिन्दू से श्री उज्जवल, अधिवक्ता परिषद से अधिवक्ता पंचानंद सिंह, विश्व हिंदू परिषद से श्री सुनीलकुमार तथा विश्व नागरिक संघ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिनिधि, कुल मिलाकर 50 से अधिक संख्या में सहभागी हुए।

 

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