कटक में महानगर निगम की असफलता, पढ़िये यह रिपोर्ट

कटक : महानगर निगमों में शहरी स्वच्छता पर सालाना लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं. हालांकि, आज शहर के कई हिस्सों में सीएमसी क्लीनर या कचरा ट्रक नहीं हैं। ऐसे में कटक के वार्ड नम्बर 55 की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. एक साही निवासी ने कहा कि उपायुक्त, और स्वच्छता के प्रभारी स्वच्छता निरीक्षक, निगम के स्वास्थ्य अधिकारियों से लेकर, बस्ती की सफाई के बारे में बार-बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ हैं.

कई इलाकों में ना तो नियमित सफाई कर्मचारी हैं और ना ही निगम के कचरा ट्रक . डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण शुरू करने के बावजूद भी कोई फ़ायदा नही. कचरा और बीमारी फैलती जा रही है. कुछ इलाको में गाड़ी भर कचरे पड़े हुए हैं भगवती शाही, मारुति नगर और अन्य जगहों पर गाड़ी ही नहीं जा रही है. सफाई कर्मचारी भी नियमित रूप से शाही में नहीं आते हैं. ऐसे में विभिन्न हिस्सों में कितने दिनों से कूड़े का ढेर लगा हुआ है. साही का वातावरण बदबूदार होने के कारण मच्छरों की नस्लें बढ़ रही हैं.

स्थनीय लोग बार-बार आरोप लगाते हैं कि निगम की ओर से कूड़ा उठाने के लिए हर 4-5 दिनों बाद में एक बार ट्रैक्टर भेजा जा रहा है. स्थानीय लोग पिछले एक सप्ताह से सीएमसी स्वास्थ्य अधिकारियों से लेकर वार्ड अधिकारियों तक सभी से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में कटक वासी क्या करे और किस्को दोष दे ? वह दूसरी और ट्विटर पर कही थोड़ा बहुत कचरा, लाइट खराब वगेरा की शिकायतों पर सीएमसी एक्शन लेकर अपनी प्रसंसा लेने में व्यस्त है.

ज्योति अग्रवाल