झारखंड : महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर झारखंड राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों—लक्ष्मी नारायण मन्दिर, धनबाद; शिव मंदिर न्यू हरि नारायण कॉलोनी, धनबाद; शिव मंदिर चित्रा, देवघर; नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, कतरास; श्री नर्मदेश्वर शिव मन्दिर बिरसा नगर, जमशेदपुर समेत कई अन्य शिवालयों में सनातन संस्था द्वारा ग्रंथों की भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य शिवजी की उपासना सहित विभिन्न विषयों पर श्रद्धालुओं को शास्त्रीय जानकारी देना एवं सनातन संस्कृति, धर्मशास्त्र, बाल संस्कार, आयुर्वेद एवं अध्यात्म विषयक ग्रंथों सहित राष्ट्र-धर्म अन्य धार्मिक ग्रंथों का प्रचार-प्रसार करना तथा सनातन धर्म व संस्कृति के प्रति समाज में जागरूकता लाना था। प्रदर्शनी में सहस्त्रों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर सनातन संस्था के गंथों में रुचि दिखाई और उसका आध्यात्मिक लाभ लेने का प्रयास किया।

ग्रन्थ प्रदर्शनी के साथ साथ कई स्थानों पर श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाने की शास्त्रीय विधि की जानकारी देने एवं सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों से अवगत कराने हेतु विशेष प्रवचन एवं ‘ॐ नमः शिवाय’ का सामूहिक नाम संकीर्तन का भी आयोजन किया गया ।
श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। प्रदर्शनी में पहुंचे सहस्त्रों श्रद्धालु धर्म ग्रंथों की दुर्लभ प्रतियों को देखकर अभिभूत हो गए। भक्तों ने ग्रंथों के सार को समझने के लिए सनातन संस्था के साधकों से चर्चा भी की। अनेक श्रद्धालु धार्मिक पुस्तकें खरीदकर घर ले गए। प्रदर्शनी में लगे फ्लेक्स और पोस्टर के माध्यम से लोगों ने शिव उपासना की विधि और उसके आध्यात्मिक महत्व को भी समझा।
आयोजकों ने बताया कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य सनातन धर्म की महान विरासत को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा, “आज की युवा पीढ़ी को धर्म और संस्कृति से जोड़ने के लिए ऐसे आयोजनों की महती आवश्यकता है। यह प्रदर्शनी न केवल ज्ञानवर्धक रही, बल्कि यह आध्यात्मिक रूप से भी प्रेरणादायक सिद्ध हुई है।” प्रदर्शनी ने सनातन संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा श्रद्धालुओं की भारी भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि आज भी सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था अटूट है।