अग्रणी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी), बिजली क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) और भारत में सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा वित्त प्रबन्धक, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) ने गोवा राज्य की जलवायु महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रदान किया गया समर्थन विश्व बैंक के साथ साझेदारी में गोवा सरकार द्वारा स्थापित की जा रही मिश्रित वित्त सुविधा के अंतर्गत होगा। गोवा सरकार विश्व बैंक के साथ साझेदारी में उप-राष्ट्रीय मिश्रित वित्त सुविधा स्थापित कर रही है, जिसका लक्ष्य कम कार्बन उत्सर्जन, जलवायु-अनुकूल विकास को बढ़ावा देना है।
समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अंतर्गत, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक वाहन, अपशिष्ट-से-संपदा प्रौद्योगिकी और प्रकृति-आधारित समाधान जैसी प्रमुख जलवायु परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए नवीन मिश्रित वित्त व्यवस्था का उपयोग करेगा, जिससे यह ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन में योगदान देगा। गोवा सरकार जलवायु परियोजनाओं की एक पाइपलाइन की पहचान और विकास करके, नीतिगत निर्णयों को प्रोत्साहन देने और उन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए हितधारक सहयोग की सुविधा प्रदान करके प्रतिष्ठान के सफल कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेगी। पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और गोवा सरकार सतत विकास को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ संसाधनों और विशेषज्ञता को इकट्ठा करेंगे। इस प्रकार यह समझौता भारत में मिश्रित वित्तपोषण सुविधा की शुरुआत करता है और जलवायु पहलों में निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने का प्रयास करता है, जिससे भारत के महत्वाकांक्षी शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों में योगदान मिलता है।
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की उपस्थिति में आज, 20 फरवरी, 2024 को गोवा में दो दिवसीय भारत जलवायु और विकास भागीदार सम्मेलन में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की उपस्थिति में गोवा में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह; पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) के मुख्य प्रबंध निदेशक श्रीमती परमिंदर चोपड़ा; निदेशक (परियोजनाएं), पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी), श्री राजीव रंजन झा के साथ गोवा सरकार, विश्व बैंक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सम्झौता ज्ञापन (एमओयू) के बारे में बोलते हुए, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) के मुख्य प्रबंध निदेशक श्रीमती परमिंदर चोपड़ा ने कहा, “भारत वर्ष 2070 तक ‘पंचामृत’ और शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है; और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन को प्राप्त करने के लिए मिश्रित वित्तपोषण के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की पहल के माध्यम से, शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।”
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और गोवा सरकार के बीच सहयोग हरित वित्तपोषण में एक ऐतिहासिक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसके अंतर्गत पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) जलवायु पहल को संचालित करने और उभरती प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन को प्रेरित करने के लिए अपनी वित्तीय विशेषज्ञता प्रदान करेगा। यह पहल जलवायु कार्रवाई प्राथमिकताओं को वित्तपोषित करने के लिए एक ओर गोवा सरकार और विश्व बैंक तथा दूसरी ओर अग्रणी वित्तीय संस्थानों पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के बीच एक अभिनव साझेदारी है।
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