ग्रामीण भारत के डिजिटल परिवर्तन की एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में, पंचायती राज मंत्रालय ने 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में अपने मंडप का शुभारंभ किया, जो विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने 14 नवंबर, 2024 को आर्थिक सलाहकार डॉ. बिजय कुमार बेहरा और संयुक्त सचिव श्री विकास आनंद सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस तकनीकी चमत्कार का उद्घाटन किया।

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम के हॉल 4, स्टॉल नंबर 4जी-12ए में स्थित पंचायती राज मंत्रालय का अत्याधुनिक मंडप नवाचार का प्रतीक है, जो अगली पीढ़ी के डिजिटल समाधानों के साथ पंचायती राज प्रणाली के सहज एकीकरण को प्रदर्शित करता है। उद्घाटन समारोह के दौरान, श्री विवेक भारद्वाज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे यह मंडप शहरी नागरिकों को ग्रामीण भारत की परिवर्तनकारी यात्रा से जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में कार्य करता है और सभी को जमीनी स्तर पर शासन को नया आकार देने वाली डिजिटल क्रांति को देखने के लिए आमंत्रित करता है।
यह मंडप इंटरैक्टिव डिजिटल डिस्प्ले, इमर्सिव 3डी मॉडल और वर्चुअल रियलिटी अनुभवों के माध्यम से ग्रामीण प्रशासन के भविष्य को जीवंत करता है। आगंतुक मेरी पंचायत ऐप जैसी अभूतपूर्व पहलों का पता लगा सकते हैं, जो स्थानीय शासन की शक्ति को सीधे नागरिकों के हाथों में उनके स्मार्टफोन के माध्यम से देता है। 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध ई-ग्राम स्वराज प्लेटफ़ॉर्म दर्शाता है कि कैसे डिजिटल टूल्स पंचायत नियोजन और प्रशासन में क्रांति ला रहे हैं। ग्राम मानचित्र बेहतर भागीदारी नियोजन, मौसम पूर्वानुमान और रूफटॉप क्षमता मूल्यांकन के लिए पीएम-सूर्य घर सौर योजना के साथ एकीकरण के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाता है, जबकि पंचायत निर्णय (एनआईआरएनएवाई) नागरिकों को पंचायत बैठक के विवरण और ग्राम सभा प्रस्तावों तक सीधी पहुँच प्रदान करके ग्रामीण शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण स्मार्ट पंचायत मॉडल है, जो सौर ऊर्जा से संचालित है और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस है। साथ ही, पंचायत भवनों में कॉमन सर्विस सेंटर ( सीएससी) का को-लोकेशन जमीनी स्तर पर सरकारी सेवाओं की पहुंच को और सुलभ बनाता है। यह मॉडल दर्शाता है कि कैसे ग्रामीण संस्थान व्यापक सेवा वितरण केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं, जो टेलीमेडिसिन से लेकर डिजिटल वित्तीय सेवाओं तक सब कुछ प्रदान करते हैं। मंडप में प्रमुखता से प्रदर्शित स्वामित्व (एसवीएएसआईटीवीए) योजना का कार्यान्वयन दर्शाता है कि कैसे प्रौद्योगिकी ग्रामीण संपत्ति अधिकारों का आधुनिकीकरण कर रही है और नए आर्थिक अवसरों का सृजन कर रही है।
पंचायती राज मंत्रालय सभी को 27 नवंबर, 2024 तक चलने वाले व्यापार मेले के दौरान ग्रामीण परिवर्तन के इस प्रदर्शन का अनुभव करने के लिए हार्दिक निमंत्रण देता है। आंगतुकों की प्रतिक्रिया और सुझाव इन डिजिटल पहलों को और अधिक परिष्कृत और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वे वास्तव में ग्रामीण समुदायों की जरूरतों को पूरा करते हैं।
भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है, ऐसे में पंचायती राज मंत्रालय का मंडप तकनीक-सक्षम, पारदर्शी और जवाबदेह पंचायती राज संस्थाओं को विकसित करने के मंत्रालय के मिशन में एक महत्वपूर्ण उपल्धि को दर्शाता है। यहां प्रदर्शित डिजिटल प्रौद्योगिकी और पंचायती राज संस्थाओं का अभिसरण न केवल वर्तमान उपलब्धियों को दर्शाता है, बल्कि भविष्य की एक आकर्षक झलक भी प्रस्तुत करता है, जहां भारत की प्रत्येक ग्राम पंचायत प्रगति और समृद्धि का एक आत्मनिर्भर, डिजिटल रूप से सशक्त केंद्र बन जाएगी। जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, यह प्रदर्शनी इस बात का एक शक्तिशाली प्रदर्शन है कि कैसे जमीनी स्तर पर डिजिटल परिवर्तन एक अधिक जुड़े हुए और समृद्ध ग्रामीण भारत का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।