सीएपीएफ, सीपीओ और गृह मंत्रालय के अन्य प्रकोष्ठों ने अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया और लगभग सभी लक्ष्यों के संबंध में 100% सफलता सुनिश्चित की

स्वच्छता को संस्थागत बनाने और सरकार में लंबित मामलों को कम करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरणा लेते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय (एमएचए) ने विशेष अभियान 4.0 का सफलतापूर्वक संचालन किया। यह अभियान 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2024 तक मंत्रालय में और इसके संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों में आयोजित किया गया।

 

इस अभियान का मुख्य जोर स्वच्छता, लंबित मामलों का निपटान, बेहतर स्थान प्रबंधन और कार्यस्थल अनुभव को बढ़ाने पर केंद्रित था। इस अभियान के दौरान, देश भर में सार्वजनिक इंटरफ़ेस वाले क्षेत्र/बाहरी कार्यालयों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

इस अभियान की उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से निगरानी की गई और केंद्रीय गृह मंत्री, राज्य मंत्रियों और गृह सचिव ने व्यक्तिगत रूप से अभियान में भाग लेने के अलावा प्रगति की नियमित रूप से निगरानी की। गृह मंत्रालय के सभी प्रभागों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य संबद्ध संगठनों ने अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया। समर्पित टीम ने दैनिक प्रगति की निगरानी की और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा होस्ट किए गए एससीपीडीएम (विशेष कैम्पिंग 4.0) पोर्टल पर डेटा अपलोड किया गया।

 

यह अभियान की तैयारी का चरण 15 सितंबर, 2024 से शुरू हुआ। इसमें गृह मंत्रालय ने कुल 7751 अभियान स्थलों की पहचान की, जिसे बाद में विस्तारित किया गया और 8982 स्थलों पर सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। अभियान के दौरान, सांसदों के 92 संदर्भ, राज्य सरकारों के 153 संदर्भ और 104 पीएमओ संदर्भों का निपटान किया गया। साथ ही, कुल 4724 लोक शिकायतों और 329 अपीलों का समाधान किया गया है।

 

इस अवधि के दौरान 2,77,980 फाइलों और 1,39,780 इलेक्ट्रॉनिक फाइलों की समीक्षा की गई। कुल 38,950 वर्ग फुट जगह मुक्त कराई गई और स्क्रैप के निपटान से 2.38 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व उत्पन्न हुआ। अभियान के तहत जागरूकता फैलाने और एमएचए की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक्स प्लेटफॉर्म (पहले ट्विटर के नाम से ज्ञात) पर हैशटैग #SpecialCampaign4 के साथ लगभग 1,100 पोस्ट की गई।

 

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), केंद्रीय पुलिस संगठन (सीपीओ) और गृह मंत्रालय की अन्य शाखाओं ने इस अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया और लगभग सभी लक्ष्य 100% हासिल करके इसकी सफलता सुनिश्चित की।

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