हसीना को अमेरिका, इंग्लैंड ने दुत्कारा भारत के दोस्त रुस ने पुचकारा

नन्द किशोर जोशी

संकट की घड़ी में ही पता चलता है कि इस दुनिया में कौन किसका साथी है , यानि अपना है तथा कौन पराया है।इसी दुनियादारी के चक्कर में एक बार फिर से दुनिया के सामने नंगा हुआ अमेरिका तथा उसका सदाबहार चमचा इंग्लैंड।

अमेरिका ने बांग्लादेश से हथेली पर जान लेकर भागी हुई प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद की वीसा रद्द कर दी । इतना ही नहीं अमेरिका ने अपने स्थायी चमचे इंग्लैंड को भी शेख हसीना वाजेद को अपने देश में नहीं प्रवेश देने के लिए उकसाया।

इंग्लैंड ने अपने आका अमेरिका के इशारे पर शेख हसीना वाजेद को इंग्लैंड में आने से रोक दिया। शेख हसीना वाजेद के लिए इंग्लैंड दुनिया में सबसे बेहतरीन जगह थी। वहीं पर शेख हसीना के बेटे रहते हैं तथा भतीजे भी रहते हैं , अपने परिवार के साथ।

अमेरिका ने दरअसल इसलिए मना किया है इंग्लैंड को , क्योंकि अमेरिका ने ही बंग्लादेश में शेख हसीना का तख्ता पलट कराया है। अपनी कुख्यात सीआइए, पाकिस्तानी आइएसआइ तथा चीन के साथ मिलकर।

अमेरिका के इशारे पर, अमेरिकी कंपनियों के स्वार्थ के अनुकूल शेख हसीना कार्य नहीं करती थी। इससे अमेरिका बड़ा नाराज चल रहा था शेख हसीना से। अमेरिका ने पिछले साल भी वहां शेख हसीना का तख्ता पलटाने की कोशिश की थी , लेकिन कामयाब नहीं हो पाया,अब इस साल वह कामयाब होगया।

वैसे भी दुनिया में जितने भी आजतक शासन में तख्तापलट हुआ है, उसमें 90% से ज्यादा अमेरिकी सिआइए का ही हाथ रहा है।35 साल पहले दुनिया में अमेरिका तथा रुस अपने -अपने मन मुताबिक शासन में तख्तापलट करवाते थे, विभिन्न देशों में।

अब चूंकि रुस का विघटन होगया है,रुस अब तख्तापलट कार्य में अपनी निपुणता खो गया है । वहीं अमेरिका के लिए तख्तापलट मामले में मैदान खाली पड़ा हुआ है। इसलिए अमेरिका पैसे के , हथियारों का लालच देकर विभिन्न देशों में समय-समय पर तख्तापलट करवाता रहता है।

वैसे आजकल चीन भी तख्तापलट कार्य में अपनी जोर आजमाइश करना चाहता है। कहीं -कहीं छोटी मोटी उसको सफलता भी मिली है। बंग्लादेश मामले में तख्तापलट की मुख्य भूमिका में अमेरिका रहा है , अमेरिका ने पाकिस्तान की आइएसआइ तथा चीन से मिलकर यह सारा गेम खेला है।

अमेरिका चाहता था शेख हसीना से अपने फौजियों के लिए एक जगह बंग्लादेश में उपलब्ध कराने के लिए, अपनी कंपनियों के हथियार बेचने के लिए। वहीं चीन भी ज्यादा हथियार बेचना चाहता था। पाकिस्तान तो बंग्लादेश से बदला लेना चाहता था तथा अमेरिका, चीन के इशारे पर नाचना उसकी मजबूरी है, क्योंकि वे उसके आका हैं।

अब बात रुस की करते हैं।रुस भारत तथा बंग्लादेश दोनों का मित्र देश रहा है।रुस और अमेरिका में सांप और नेवला जैसा संपर्क है। दोनों ही एक-दूसरे को हर समय निपटाने में रहते हैं।अब रुस अमेरिका विरोधी, इंग्लैंड विरोधी तथा भारत की समर्थक शेख हसीना को अपने यहां राजनीतिक शरण देने का मन बना रहा है। बहुत जल्द इसकी सूचना हमें मिलेगी और शेख हसीना का नया ठिकाना रुस होने की संभावना प्रबल दिखाई दे रही है।

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