स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण चरण- I के अंतर्गत 2014-15 और 2019-20 के बीच 10.14 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आइएचएचएल) का निर्माण किया गया और बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन अभियान चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप सभी गांवों, जिलों और राज्यों ने 2 अक्टूबर, 2019 तक खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया । यह चिरस्मरणीय उपलब्धि महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर एक श्रद्धांजलि थी, जिसके तहत शौचालय वाले घरों की संख्या अक्टूबर 2014 में 39% से बढ़कर अक्टूबर 2019 में 100% हो गई। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई कि कोई भी घर छूटना नहीं चाहिए, कार्यक्रम के तहत शेष घरों (छूटे हुए और नए उभरते हुए) को कवर किया जाना चाहिए।
ओडीएफ का दर्जा हासिल करने के बाद, एसबीएम(जी) के चरण II को अन्य बातों के साथ-साथ गांवों के ओडीएफ दर्जे को बनाए रखने के उद्देश्य से कार्यान्वित किया जा रहा है। यह समझते हुए कि शौचालय बनाने का कार्य एक सतत प्रक्रिया है और यह एक बार का काम नहीं है, क्योंकि लगातार नए घर बन रहे हैं, प्रवासी घर आदि हैं जिन्हें शौचालयों की आवश्यकता होगी, नए व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल) (शौचालय) का निर्माण एसबीएम(जी) निधियों पर पहला प्रभार बना हुआ है और राज्यों को लगातार सलाह दी जाती है
कि वे छूटे हुए शौचालयों के लिए योजना बनाएं और प्राथमिकता के आधार पर इस कमी को पूरा करें। पीएमएवाई(जी) कार्यक्रम के समन्वय में भी एसबीएम(जी) निधि से पात्र लाभार्थियों को घर के साथ शौचालय उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इन सभी उपायों के कारण ही कार्यक्रम के चरण II में भी पिछले 4 वर्षों और चालू वर्ष में लगभग 1.43 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं ।
पिछले 4 वर्षों और चालू वर्ष के दौरान एसबीएम(जी) के चरण-II के अंतर्गत निर्मित व्यक्तिगत पारिवारिक आवास शौचालयों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार संख्या | ||
क्रमांक | राज्य/संघ राज्य क्षेत्र | निर्मित आईएचएचएल की संख्या |
1 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 2497 |
2 | आंध्र प्रदेश | 2,15,317 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 21,046 |
4 | असम | 6,51,044 |
5 | बिहार | 22,25,482 |
6 | छत्तीसगढ | 2,19,420 |
7 | डी एंड एन हवेली और दमन और दीव | 2204 |
8 | गोवा | 1853 |
9 | गुजरात | 5,63,901 |
10 | हरियाणा | 46,702 |
11 | हिमाचल प्रदेश | 48,523 |
12 | जम्मू और कश्मीर | 2,11,355 |
१३ | झारखंड | 6,09,191 |
14 | कर्नाटक | 4,07,767 |
15 | केरल | 23,167 |
16 | लद्दाख | 4021 |
17 | लक्षद्वीप | 0 |
18 | मध्य प्रदेश | 8,34,910 |
19 | महाराष्ट्र | 6,47,547 |
20 | मणिपुर | 17,026 |
21 | मेघालय | 85,578 |
22 | मिजोरम | 10,993 |
23 | नगालैंड | 17,695 |
24 | ओडिशा | 6,06,345 |
25 | पुदुचेरी | 1691 |
26 | पंजाब | 1,30,960 |
27 | राजस्थान | 7,72,363 |
28 | सिक्किम | 14,375 |
29 | तमिलनाडु | 3,58,358 |
30 | तेलंगाना | 1,22,220 |
३१ | त्रिपुरा | 95,273 |
32 | उत्तर प्रदेश | 39,51,528 |
33 | उत्तराखंड | 37,326 |
34 | पश्चिम बंगाल | 14,29,871 |
कुल | 1,43,87,549 |
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्राप्त जानकारी केआधार पर, भारत सरकार ने देश के शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने के उद्देश्य से 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) [एसबीएम-यू] का शुभारंभ किया। एसबीएम-यू का लक्ष्य मलिन बस्तियों सहित शहर की पूरी आबादी को लाभान्वित करना है। एसबीएम-यू के तहत, सामुदायिक शौचालयों/सार्वजनिक शौचालयों (सीटी/पीटी) के निर्माण के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासनों को धन जारी किया जाता है। एसबीएम-यू और एसबीएम-यू 2.0 के तहत, राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को धन का केंद्रीय हिस्सा (सीएस) जारी कर दिया जाता है। इसके बाद राज्य अपनी कार्ययोजना के अनुसार शहर/शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) को धन जारी करते हैं। सामुदायिक शौचालय (सीटी) उन लाभार्थियों के लिए लक्षित हैं जो प्राथमिक झुग्गीवासियों हैं।
सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों (सीटी/पीटी) का राज्यवार विवरण
क्र. सं. | राज्य/संघ राज्य क्षेत्र | कुल सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय (सीटों की संख्या) | |
मिशन लक्ष्य | पूरा | ||
1 | आंध्र प्रदेश | 21,464 | 17,799 |
2 | अण्डमान और निकोबार | 126 | 609 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 387 | 89 |
4 | असम | 3,554 | 3,356 |
5 | बिहार | 26,439 | 28,677 |
6 | चंडीगढ़ | 976 | 2,512 |
7 | छत्तीसगढ | 17,796 | 18,832 |
8 | दादरा नगर हवेली और दमन दीव यूटी | 219 | 615 |
9 | दिल्ली | 11,138 | 28,256 |
10 | गोवा | 507 | 1,270 |
11 | गुजरात | 31,010 | 24,149 |
12 | हरियाणा | 10,393 | 11,374 |
१३ | हिमाचल प्रदेश | 876 | 1,700 |
14 | जम्मू और कश्मीर | 3,585 | 3,451 |
15 | झारखंड | 12,366 | 9,643 |
16 | कर्नाटक | 34,839 | 36,556 |
17 | केरल | 4,801 | 2,872 |
18 | लद्दाख | 194 | 194 |
19 | मध्य प्रदेश | 40,230 | 29,867 |
20 | महाराष्ट्र | 59,706 | 1,66,465 |
21 | मणिपुर | 620 | 581 |
22 | मेघालय | 362 | 152 |
23 | मिजोरम | 491 | 1,324 |
24 | नगालैंड | 478 | 238 |
25 | ओडिशा | 17,800 | 12,211 |
26 | पुदुचेरी | 1,204 | 836 |
27 | पंजाब | 10,924 | 11,522 |
28 | राजस्थान | 26,364 | 31,300 |
29 | सिक्किम | 142 | 268 |
30 | तमिलनाडु | 59,921 | 92,744 |
३१ | तेलंगाना | 15,543 | 15,465 |
32 | त्रिपुरा | 586 | 1,089 |
33 | उत्तर प्रदेश | 63,451 | 70,370 |
34 | उत्तराखंड | 2,611 | 4,694 |
35 | पश्चिम बंगाल | 26,484 | 5,746 |
कुल | 5,07,587 | 6,36,826 |
भारत सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन (JJM) – हर घर जल को लागू कर रही है, ताकि हर ग्रामीण घर में नल का पानी पहुँचाया जा सके।15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के समय, 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन होने की सूचना दी गई थी। अब तक, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 26.07.2024 तक दी गई सूचना के अनुसार, लगभग 11.78 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 26.07.2024 तक, देश के 19.32 करोड़ ग्रामीण घरों में से, 15.01 करोड़ (77.71%) से अधिक घरों में नल के पानी की आपूर्ति होने की सूचना है।
जेजेएम: ग्रामीण घरों में नल जल कनेक्शन की राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार स्थिति
(संख्या लाख में)
क्र. सं. | राज्य/संघ राज्य क्षेत्र | कुल ग्रामीण परिवार | 26.07.2024 तक नल जल कनेक्शन वाले ग्रामीण परिवार | |
संख्या | % | |||
1 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 0.62 | 0.62 | 100.00 |
2 | आंध्र प्रदेश | 95.45 | 70.12 | 73.47 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 2.29 | 2.29 | 100.00 |
4 | असम | 71.58 | 57.40 | 80.19 |
5 | बिहार | 166.89 | 160.36 | 96.08 |
6 | छत्तीसगढ | 50.05 | 39.26 | 78.44 |
7 | डीएनएच और डीडी | 0.85 | 0.85 | 100.00 |
8 | गोवा | 2.64 | 2.64 | 100.00 |
9 | गुजरात | 91.18 | 91.18 | 100.00 |
10 | हरियाणा | 30.41 | 30.41 | 100.00 |
11 | हिमाचल प्रदेश | 17.09 | 17.09 | 100.00 |
12 | जम्मू और कश्मीर | 18.69 | 15.11 | 80.85 |
१३ | झारखंड | 62.48 | 33.72 | 53.97 |
14 | Karnataka | 101.30 | 78.97 | 77.96 |
15 | केरल | 70.86 | 37.78 | 53.31 |
16 | Ladakh | 0.41 | 0.38 | 93.28 |
17 | लक्षद्वीप | 0.13 | 0.12 | 89.36 |
18 | Madhya Pradesh | 111.80 | 71.45 | 63.91 |
19 | महाराष्ट्र | 146.72 | 126.73 | 86.37 |
20 | मणिपुर | 4.52 | 3.59 | 79.59 |
21 | मेघालय | 6.51 | 5.21 | 79.97 |
22 | मिजोरम | 1.33 | 1.33 | 100.00 |
23 | नगालैंड | 3.63 | 3.33 | 91.58 |
24 | ओडिशा | 88.69 | 65.66 | 74.04 |
25 | पुदुचेरी | 1.15 | 1.15 | 100.00 |
26 | पंजाब | 34.19 | 34.19 | 100.00 |
27 | राजस्थान | 107.07 | 55.27 | 51.62 |
28 | सिक्किम | 1.33 | 1.19 | 89.01 |
29 | तमिलनाडु | 125.15 | 106.40 | 85.01 |
30 | तेलंगाना | 53.98 | 53.98 | 100.00 |
३१ | त्रिपुरा | 7.50 | 6.15 | 82.03 |
32 | उत्तर प्रदेश | 265.99 | 224.47 | 84.39 |
33 | उत्तराखंड | 14.52 | 13.82 | 95.12 |
34 | पश्चिम बंगाल | 175.27 | 89.33 | 50.97 |
कुल | 19,32.17 | 15,01.54 | 77.71 |
स्रोत: जेजेएम-आईएमआईएस
मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराए गए नल जल कनेक्शन की राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार और जिलावार स्थिति सार्वजनिक डोमेन में है और जेजेएम डैशबोर्ड पर https://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMIndia.aspx पर उपलब्ध है।
केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमण्णा ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।