राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने 5 जुलाई, 2024 की एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि हरियाणा के जींद स्थित सिविल अस्पताल का बुनियादी ढांचा ठीक स्थिति में नहीं है। अस्पताल में डॉक्टरों के 55 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल 19 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं। कथित तौर पर, लगभग 2000 मरीज प्रतिदिन अस्पताल आते हैं, हालांकि, उनमें से अधिकांश को अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है क्योंकि इस अस्पताल में न तो उचित चिकित्सा उपकरण हैं और न ही दवाएँ। अस्पताल में बंदरों के आतंक ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट सही है, तो यह मरीजों के स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल के अधिकार, जो नागरिकों का बुनियादी मानव अधिकार है, के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। तदनुसार, आयोग ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट में जींद सिविल अस्पताल की समग्र स्थिति में सुधार के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले कदमों को शामिल किया जाना अपेक्षित है , ताकि मरीजों को बिना किसी कठिनाई के चिकित्सा देखभाल मिल सके और डॉक्टरों एवं अन्य आवश्यक जीवन रक्षक सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण उन्हें अन्य अस्पतालों में रेफर न किया जाए।