एनएचआरसी, भारत ने मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के एक आश्रम में 30 बच्चों के बीमार पड़ने और उनमें से पांच की मौत होने के पश्चात आई मीडिया रिपोर्टों पर स्वतः संज्ञान लिया

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने मीडिया की उन खबरों का स्वतः संज्ञान लिया है, जिनमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में स्थित एक आश्रम (आश्रय गृह) में 30 बच्चे बीमार पड़ गए और पांच की मौत हो गई। इन बच्चों की उम्र 5 से 15 साल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घटना का कारण रक्त संक्रमण और फूड पॉइजनिंग है। आश्रम में रहने वाले अधिकांश बच्चे अनाथ हैं।

आयोग ने पाया है कि मीडिया खबरों की सामग्री, यदि सही है, तो यह बच्चों के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। बच्चों का संरक्षक होने के नाते, आश्रम प्रबंधन और पर्यवेक्षण करने वाले सरकारी अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे उन्हें स्वच्छ भोजन और उचित चिकित्सा देखभाल सहित सुरक्षित वातावरण प्रदान करें।

अत:, आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें कथित तौर पर चिकित्सा उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती बच्चों की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति का विवरण शामिल होना चाहिए। रिपोर्ट में मरने वाले पांच बच्चों के उपचार रिकॉर्ड को भी शामिल किया जाना अपेक्षित है।

आयोग आश्रम की समग्र स्थिति में सुधार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानना चाहेगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इसके अलावा, आयोग ने एसडीएम, जिसे आश्रय गृह में मामले की जांच करते समय असंवेदनशील व्यवहार करने के आरोपों पर निलंबित कर दिया गया है, के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में एक विशिष्ट रिपोर्ट मांगी है ।

साथ ही, आयोग ने अपने विशेष प्रतिवेदक श्री उमेश कुमार शर्मा को आश्रय गृह का दौरा करने और घटनास्थल पर जाकर जांच करने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

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