सबकी उम्मीद और ख्वाबों का महल “कटक मारवाड़ी समाज”

अपने हाथों से जिस बाग को मिलकर “सजाये” थे हम..🙏

ऐसी क्या परिस्थिति आन पड़ी जो इसे क्या “उखाड़” देंगे हम..🙏

बड़े चाव से जिस ख्याबों के घरौंदे को मिलकर “सजाये” थे हम..🙏

इक जरा सी हवा के झोंके से अपने ही हाथों से क्या “उजाड़” देंगे हम..🙏

एक-एक ईंट को लेकर जिस “आशियाने” को मिलकर बनाये थे हम..🙏

एक जरा तूफान के डर से अपने ही हाथों से क्या “बिगाड़” देंगे हम..🙏

चलो समाज के लिए सबके हित में कुछ ऐसा “कदम” उठाए हम..🙏

किसी के भी दिल को तकलीफ हो ऐसा “काम” ना आप करे ना हम..🙏

सारे बंधनों को तोड़कर “समाज” में ऐसा कुछ कर जाए हम..🙏

भाईचारे की मिसाल को कायम रखते हुए 19.07.24 को झूठा “अहम” ना आप लाए और ना हम..🙏

जिन लोगों ने “समाज” हित में अपनी सेवा दी और अब भी प्रयास कर रहे हैं उनका “मान” आप करें और हम..🙏

“कटक मारवाड़ी समाज” के हित में सारे आपसी गिले शिकवे कुछ आप भूलो कुछ हम..🙏

कुछ आप भूलों कुछ हम…🙏🙏

निवेदन
प्रदीप शर्मा

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