हिन्दू जाति की समाप्ति के लिए नेहरू की लिखी,पटकथा पर देश आगे भी चला,तो हिंदू जाति की मृत्यु निश्चित है

इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार

अंतरराष्ट्रीय महामंत्री, बिश्व सावरकर मंच

आज देश में हिन्दू बहुसंख्यक होते हुवे भी मुस्लिम समाज से बहुत डरा हुवा है। हिन्दू बिरोधी तथाकथित सेक्युलर शक्तियों के आशीर्वाद से हैदराबाद से हिन्दू जाति को चुनौती दी जाती है,मुसलमानों के सामने से पुलिस हठा लो,हम संपूर्ण हिन्दू समाज को ख़त्म कर देंगे। नूपुर शर्मा को सिक्योरिटी फ़ोर्सेज़ के साये में घर में रहना पड़ता है। लोगो का सर से तन जुदा कर दिया जाता है। राम नवमी या हिंदू समाज के निकले शोभायात्रा जुलूस पर सारे भारत में सैकड़ो की संख्या में जगहों पर शोभायात्रा पर मस्जिदों से पत्थरों की वर्षा कर हमला किया जाता है। इन सब घटनाओं के चलते हिन्दू समाज का भयभीत होना स्वाभाविक है। ऊपर से जब कुछ मुस्लिम नेता यह कहते है। आप राम मंदिर अवस्य बना ले,२५ वर्ष में हम जनसंख्या में बहुसंख्यक होगे। मुस्लिम राज क़ायम होगा हम राम मंदिर को तोड़ कर फिर से बाबरी मस्जिद बना देंगे। देश १९४७ से नेहरू द्वारा लिखी पटकथा जो हिंदू जाती की समाप्ति के लिये लिखी व कार्यान्वित की गई। कांग्रेस ने देश के दो टुकड़े कर देश का विभाजन किया। गांधी को अंग्रेज दक्षिण अफ़्रीका से अपने साम्राज्य की स्वतंत्रता प्रेमी क्रांतिकारियों के हाथों सुरक्षा करने के लिए लाए थे। गांधी ने अंग्रेजों को क्रांतिकारियों के आक्रमण से बचाने के लिए राजनीति में अहिंसा के सिद्धांत का आविष्कार किया व अंग्रेज़ो को बचाया। अंग्रेज़ी साम्राज्य के ख़िलाफ़ कांग्रेस को कोई आंदोलन करने नहीं दिया। कभी कांग्रेस की पूर्ण स्वराज की लड़ाई नहीं लड़ कर,तुर्की की लड़ाई लड़ी,कभी नमक की। सुभाष बोस ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुवे अंग्रेजों भारत छोड़ो कार्यक्रम बनाया,उसको कांग्रेस कार्यकारिणी में अपने समर्थकों से बॉयकॉट कराके कोरम के अभाव में गांधी ने लागू नहीं होने दिया। फिर सुभाष बाबू के भारत छोड़ो कार्यक्रम में कुछ जोड़ पर अंग्रेजों भारत छोड़ो पर अपनी सेना यह रखो आंदोलन कर अंग्रेजी राज की ज़मीन और मज़बूत की। अंग्रेज जब अपनी सेना यहाँ रखेंगे,तो भारत को छोड़ेंगे क्यों ?गांधी ने देश का विभाजन करके हिंदू जाति को बिपत्ति में फेंका। नेहरू ने कांग्रेस को देश के विभाजन की बदनामी से बचाने के लिये,देश का झूठा इतिहास लिखवाया, गाँधी जी के अहिंसा आंदोलन के चलते हमे स्वतंत्रता मिली थी। जबकि सत्य यह है अखिल भारत हिंदू महासभा के नेता क्रांतिकारी वीर सावरकर के हिंदुओं के सैनिकीकरण, जापान हिन्दू महासभा के नेता क्रांतिकारी रास बिहारी बोस द्वारा प्रतिष्ठित भारतीय राष्ट्रीय सेना व सुभाष चन्द्र बसु के भारतीय राष्ट्रीय सेना के नेतृत्व में अंग्रेजों के बिरुद्ध लड़ी सशस्त्र लड़ाई लड़ कर अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया।

जिन्ना ने गाँधी से माँग की थी भारत पाकिस्तान में हिन्दू मुसलमानों की जनसंख्या की अदला बदली करो। एक भी हिन्दू यदि यहाँ रहा,तो हमारा इस्लामिक पाकिस्तान नहीं बन सकेगा। तुमने यदि नहीं किया,तो मैं नोवाख़ाली हिन्दू नरसंघार पूरे पाकिस्तान में करूँगा,ताकि वहाँ एक भी हिन्दू नहीं रहे। कांग्रेस के पक्के प्रधानमंत्री सरदार पटेल निर्वाचित हुवे थे। नेहरू तो कांग्रेस का मामूली सा नेता था। कांग्रेस की फारेन अफ़ेयर्स सेल का चेयरमैन था,जिसका मंत्री राम मनोहर लोहिया था। कांग्रेस के नेहरू से बड़े कई नेता थे। सरदार पटेल,डॉ.राजेंद्र प्रसाद,आचार्य कृपलानी। कांग्रेस का प्रधान मंत्री कौन होगा इसके चुनाव के लिए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हुवा। सरदार पटेल कुल १४ वोट में ११ मिले, डॉ.राजेंद्र प्रसाद को २ आचार्य कृपलानी को १। नेहरू तो चुनाव में भाग लेने की हिम्मत भी करता नहीं था। सरदार पटेल के समर्थन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपना नाम वापस ले लिया। इस बीच अंग्रेजों ने दखल दी और गांधी को कहा जब तक हम ट्रांसफ़र ऑफ़ पॉवर नहीं करते,तब तक हमारा आदमी नेहरू प्रधान मंत्री रहेगा। हम सरदार पटेल के हाथ में पावर ट्रांसफ़र नहीं करेंगे। गांधी ने एक पत्रकार के इस सवाल की नेहरू तो पीएम पद का प्रार्थी भी नहीं था। तो वह पीएम कैसे बन गया। तब गांधी ने बिना लाग लपेट के स्पष्ट किया एक मात्र नेहरू हमारे कैम्प में अंग्रेजों का आदमी था। शायद राजागोपालाचारी ने सरदार पटेल को नेहरू को कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री बनने दे। अग्रेजों के पावर ट्रांसफ़र करने के बाद तो आपको बनना ही है। मनाया होगा। सरदार पटेल की मृत्यु पर आचार्य गोपालाचारी ने दुख प्रगट करते हुवे कहा था,वे इतने जल्दी चले गये कुछ समय बाद तो उनको प्रधान मंत्री बनना था। केंद्रिय मंत्रीमण्डल में गांधी जी ने डॉ. अंबेडकर को रखवाया। डॉ.अंबेडकर जनसंख्या की अदला बदली के मुखर प्रवक्ता थे। इससे लगता है गांधी ने जिन्ना की माँग जनसंख्या की अदला बदली को मन लिया था। पर जिस तरह नेहरू ने पाकिस्तान की विभाजन के बाद २० करोड़ रुपया देने के बाद ५५ करोड़ रुपया देने से रोक लेने के बाद गांधी ने ५ दिन अनशन करके दिलवाया। नेहरू ने ये पैसा इस लिये रोका था ताकि गांधी हिंदू मुस्लिम जनसंख्या की अदला बदली नहीं कर सके। पाकिस्तान को ५५ करोड़ दिलाने के बाद गांधी ने ४ फ़रवरी १९४८ जिन्ना से मिलने का समय भी कर लिया। गांधी जनसंख्या की अदला बदली की बात जिन्ना से नहीं कर सके इस लिए ३० जानकारी १९४८ नेहरू गांधी की हत्या करवा देता है। नेहरू ने देश में पाकिस्तान की खबरो को छपने से रोकने के लिए प्रेस सेन्सरशिप एक्ट लागू कर दिया,ताकि हिंदूवो का पाकिस्तान में नरसंघार आराम से हो सके। भारत में देश के विभाजन कराने वाली मुस्लिम लीग को भारत कांग्रेसी में मिला दिया व नोवाख़ाली व ग्रेट कलकत्ता हिन्दू किलिंग के हिंदू हत्यारों को मंत्री, गवर्नर, उच्चायुक्त बना दिया। पाकिस्तान ने २० लाख हिन्दूवो का नरसंघार किया। २ करोड़ हिंदूवो को वहाँ से निकाल दिया। नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र में हिंदुओं के नरसंघार का मामला नहीं उठाया न पाकिस्तान से हिंदुओं के हक़ की ज़मीन मागी। पाकिस्तान देता क्योंकि उसने नेहरू लियाक़त अली समझौता किया था। हिंदू जाति को यदि बचाना है,तो देश की आज़ादी का सच्चा इतिहास सरकार को लिखना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में नाज़ी जर्मनी में यहूदी नरसंघार से बड़े पाकिस्तान के हिंदू नरसंघार को बिश्व के सामने लाए पाकिस्तान से हिंदुओं की ज़मीन लाए। नहीं तो नेहरू के बंशधर राहुल गांधी विदेश मी जाकर चिल्लायेंगे की भारत में मुसलमान ख़तरे में है तथा पाकिस्तान इस्लामिक कंट्री के सामने भारत वर्ष के मुस्लिम बीजेपी राज में ख़तरे में है की बात उठाता रहेगा व भारत के मुसलमानों द्वारा अत्याचारित हिंदू जाति को अत्याचारी बनाता रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *