नव बर्ष सुहाना आया
ले बासन्ती सौगात
घर में लाये आपके
खुशियों की बारात ।।

चैत्र शुक्ल की एकम का दिन
सबसे प्यारा आया है
नव चेतनता,नव जीवन का
सन्देशा ये लाया है
नूतन संबत की होती
कैसी मीठी शुरूआत
घर में लाये आपके
खुशियों की बारात ।।
नव दुर्गा का आज आगमन
होता मंदिर सजते हैं
नवरात्रों का पावन उत्सव
शंख,नगारे बजते हैं
घर-घर में बढ़िया बढ़िया
बनते हैं पकवान
घर में लाये आपके
खुशियों की बारात ।।
कोयल की मीठी कुहु कुहु से
मन उल्लासित होता है
नई फसल के हेतु खेत में
बीज कृषक जब बोता है
हरियाली वृक्षों पर है
झूमे डाल डाल और पात
घर में लाये आपके
खुशियों की बारात ।।
ईस संबत में सच्चे मन से
हमें एक प्रण लेना है
भारत को सारी दुनिया में
नम्बर एक बनाना है
करें मातृभूमि के उपर
न्यौछावर अपने प्राण
घर में लाये आपके
खुशियों की बारात ।।
पुरूषोत्तम अग्रवाल
कटक