ओडिशा में प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ, डेयरी, मत्स्य पालन और बहुउद्देशीय सहकारी समितियाँ

भारत सरकार ने 15 फरवरी2023 को देश में सहकारी आंदोलन को सुदृढ़ करने और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच बढ़ाने” की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत अगले पांच वर्षों में देश के सभी पंचायतों और गांवों को शामिल करते हुए नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्सया प्राथमिक दुग्ध और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। यह स्थापना भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओंजैसे दुग्ध अवसंरचना विकास कोष (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय दुग्ध विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफआदि के समन्वय के माध्यम से की जाएगी। यह योजना राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी), राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संघों और राज्य सरकारों के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही है।

15 नवंबर, 2025 तक, इस योजना के तहत देश भर में कुल 30,083 नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (पैक्स), दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन सहकारी समितियाँ पंजीकृत की गई हैं और 15,793 मौजूदा दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन सहकारी समितियों को सुदृढ़ किया गया है। आज की तारीख में, कुल 255,881 ग्राम पंचायतें पैक्स के अंतर्गत आती हैं; 87,159 ग्राम पंचायतें दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों के अंतर्गत आती हैं; और 29,964 ग्राम पंचायतें मत्स्य पालन सहकारी समितियों के अंतर्गत आती हैं। ओडिशा राज्य में कुल 2,039 नई बहुउद्देशीय (एम)-पैक्स (1537), दुग्ध उत्पादन (451) और मत्स्य पालन (51) सहकारी समितियाँ पंजीकृत की गई हैं और 209 दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों को सुदृढ़ किया गया है। ओडिशा के पुरी जिले के मामले में, 59 39 पीएसीएस, 13 डेयरी और 7 मत्स्य पालन सहकारी समितियों सहित नई सहकारी समितियों का पंजीकरण किया गया है।

राष्ट्रीय सहकारी नीति2025 में सहकारी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए निर्धारित रोडमैप के तहतदुग्ध उत्पादनमत्स्य पालन और हस्तशिल्प जैसे मजबूत सहकारी क्षेत्रों वाले जिलों को राष्ट्रव्यापी सहकारी विस्तार योजना का लाभ मिलता है। सरकार ने पुरी सहित किसी जिले के लिए कोई विशेष कार्यक्रम घोषित नहीं किया हैलेकिन उसने देश भर के प्रत्येक छुटे पंचायत और गांव में सहकारी समितियों की स्थापना और उन्हें मजबूत करने के लिए देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच बढ़ाने” हेतु एक व्यापक राष्ट्रीय योजना शुरू की है।

मत्स्य पालनपशुपालन और दुग्ध उत्पादन मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​लल्लन सिंह ने राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

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