आईएनएस सतलुज ने मॉरीशस हाइड्रोग्राफिक सर्विस के साथ मिलकर एक संयुक्त जल सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसमें लगभग 35,000 वर्ग समुद्री मील का विस्तृत क्षेत्र शामिल था। यह सर्वेक्षण भारत और मॉरीशस के बीच मौजूदा एमओयू के तहत राष्ट्रीय एजेंसियों के गहन समन्वय से आयोजित किया गया।

यह पहल समुद्री चार्टिंग, तटीय विनियमन, संसाधन प्रबंधन और दीर्घकालिक पर्यावरणीय नियोजन में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे मॉरीशस के ब्लू इकोनॉमी के लक्ष्यों को समर्थन मिलेगा। मिशन के क्षमता-निर्माण प्रयासों के अंग के रूप में, आधुनिक जल सर्वेक्षण तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए मॉरीशस के विभिन्न मंत्रालयों के छह कर्मियों ने आईएनएस सतलुज पर सवार होकर अभ्यास किया।
इसके अतिरिक्त, आईएनएस सतलुज ने मॉरीशस नेशनल कोस्ट गार्ड के साथ संयुक्त रूप से ईईजेड निगरानी और समुद्री डकैती-रोधी गश्त भी की, जिससे क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूती मिली है।
पोत पर आयोजित एक समारोह में, पूरा किए गए सर्वेक्षण की फेयरशीट औपचारिक रूप से मॉरीशस के अधिकारियों को सौंपी गई। इस दौरान माननीय श्री शकील अहमद यूसुफ अब्दुल रजाक मोहम्मद, आवास और भूमि मंत्री, तथा श्री अनुराग श्रीवास्तव, मॉरीशस में भारत के उच्चायुक्त, उपस्थित थे।
यह तैनाती भारत और मॉरीशस के बीच 18वां संयुक्त जल सर्वेक्षण मिशन है— जो स्थायी समुद्री साझेदारी और सुरक्षित नौवहन, सतत महासागर प्रबंधन और क्षेत्रीय सहयोग के प्रति साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मिशन का सफल समापन ‘महासागर’ (म्युचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्योरिटी एंड ग्रोथ एक्रास रीजन्स) की परिकल्पना के अनुरूप, दोनों राष्ट्रों के बीच गहरे मित्रतापूर्ण संबंधों की पुष्टि करता है।


