आईआईआईएम फील्ड स्टेशन बोनेरा ट्यूलिप की किस्‍मों को देश में बढ़ावा देने के तैयार: वैज्ञानिकों का लक्ष्य आयात पर निर्भरता कम कर किसानों का विकास करना है

कश्मीर के श्रीनगर में ट्यूलिप उद्यानों की प्राकृतिक सुंदरता लंबे समय से पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण रही है और हर साल आगंतुकों को आकर्षित करती है। टिकाऊ फूलों की खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, सीएसआईआर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (सीएसआईआर-आईआईआईएम), जम्मू, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का एक प्रमुख अनुसंधान और विकास संस्थान है, जिसे पूर्व-नैदानिक ​​दवा खोज का अधिकार है, सीएसआईआर के अरोमा और फ्लोरीकल्चर मिशन जैसे विभिन्न सामाजिक मिशन कार्यक्रमों को भी लागू कर रहा है। सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत, प्रमुख कार्यक्षेत्रों में उच्च मूल्य वाली फ्लोरीकल्चर फसलों की गुणवत्ता वाले रोपण सामग्री का उत्पादन, फ्लोरीकल्चर के तहत क्षेत्र का विस्तार, शहरी फ्लोरीकल्चर, कटाई के बाद प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, एपिकल्चर के साथ फ्लोरीकल्चर का एकीकरण

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान और विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा परिकल्पित अखिल भारतीय सीएसआईआर सामाजिक मिशन कार्यक्रमों ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। संस्थान ने वर्ष 2022 में अपने बोनेरा स्टेशन पर ट्यूलिप की खेती शुरू की है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य ट्यूलिप बल्ब का देश में ही उत्पादन, कृषि-तकनीकी प्रोटोकॉल विकसित करना और ट्यूलिप की खेती का विस्तार करना है। एक प्रवक्ता ने बताया कि इस पहल की शुरुआत वर्ष 2022 में केवल 10,000 बल्बों के साथ की गई थी और केवल दो साल के भीतर 12 कनाल से अधिक के क्षेत्र में एक लाख से अधिक बल्बों का उत्पादन हुआ है।

बोनेरा फील्ड स्टेशन के ट्यूलिप गार्डन में मीडिया से बातचीत में सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू के निदेशक डॉ. ज़बीर अहमद ने इस पहल के महत्व बारे में बताया कि वर्तमान में बोनेरा स्टेशन में रणनीतिक अनुसंधान कार्यक्रमों के तहत आठ ट्यूलिप किस्में हैं, जिनका उद्देश्य स्वदेशी ट्यूलिप बल्ब विकसित करना, रूपात्मक विशेषताओं का आकलन करना, कृषि-तकनीकी प्रोटोकॉल स्थापित करना और जैविक तथा अजैविक परिस्थितियों के प्रतिरोध के लिए किस्मों का मूल्यांकन करना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ट्यूलिप बल्ब उत्पादन का स्वदेशीकरण देश की आयात पर निर्भरता को कम करेगा, किसानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा और फूलों की खेती के क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देगा।

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दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में बोनेरा में ट्यूलिप गार्डन-सह-प्रायोगिक क्षेत्र को आगंतुकों के लिए खोल दिया गया। यह पहल जम्मू और कश्मीर को भविष्य में ट्यूलिप बल्ब उत्पादन के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य देश को आयात पर निर्भर उपभोक्ता से आत्मनिर्भर उत्पादक में बदलना है। सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन का लक्ष्‍य वैज्ञानिक प्रगति को फ्लोरीकल्चर पर्यटन के साथ एकीकृत करके, ट्यूलिप उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के अतिरिक्‍त क्षेत्र के कृषक समुदायों की आर्थिक क्षमता को बढ़ाना भी है।

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