राजस्थान दिवस पर विशेष कविता

  • राजपुताना की पावन ये
    धरा स्वर्ग से प्यारी है
    इसकी अमर कथाएँ सारे
    भूमण्डल से न्यारी है।।
    जय जय राजस्तान ………
    अरावली पर्वतमाला के
    मध्य मरुधर सज रहा है
    शौर्य और वैभव की गाथा
    मानो आज भी कह रहा है
    मीलों फैली रेत सुनहरी
    दुर्गम दुर्ग बाबडियाँ हैं
    राजप्रसाद,स्मारक अद्भुत
    धोरे ,महल,छतरिया हैं
    सुंदर,सुंदर झील,सरोवर
    अनुपम छ्टा दिखा रही है
    इसकी अमर कथाएँ सारे
    भूमण्डल से न्यारी है।।
    राजपूतों की शौर्य कथा
    मन को रेमांचित करती हैं
    शैलानियों को अनायास ही
    आकर्षित कर लेती हैं
    तीज,त्यौहार अनोखे इसके
    लोक गीत मन भावन है
    लोक नृत्य जग में प्रसिद्ध
    संस्कृति बहुत ही पावन है
    देशभक्ति में सबसे आगे
    यहाँ के सब नर नारी हैं
    इसकी अमर कथाएँ सारे
    भूमण्डल से न्यारी है।।
    हुँकारे युद्धों की सुनकर
    भुजा फड़कने लगती थी
    शौर्य,पराक्रम के आगे ना
    एक शत्रु की चलती थी
    बीरों और शूरों की जननी
    प्रगटे महा बलशाली थे
    रणभूमि को कर देते जो
    शत्रु दल से खाली थे
    गोरा और बादल के रण से
    बिस्मित दुनिया सारी है
    इसकी अमर कथाएँ सारे
    भूमण्डल से न्यारी है।।
    राणाप्रताप की शौर्य कथा
    हल्दीघाटी ने गाई थी
    देख पराक्रम उनका मुगलो
    की सेना घबराई थी
    सुरजमल और डुँगरसिंह की
    अद्भुत शौर्य कहानी है
    राणा सांगा,पृथ्वीराज ने
    हार कभी ना मानी है
    पन्ना धाय का बलिदान
    सब बलिदानों पर भारी है
    इसकी अमर कथाएँ सारे
    भूमण्डल से न्यारी है।।
    पुष्कर,गलता,लोहागर
    तीरथ पुराण यों गाते हैं
    एकबार स्नान करे जो
    कोटि यज्ञ फल पाते हैं
    मीरा ने यहाँ जन्म लिया
    और कृष्ण से प्रेम बढ़ाया था
    दोनों कुल को तार मीरा ने
    उच्च अमर पद पाया था
    करमाबाई का खीचड़ खाने
    प्रभु ने भुजा पसारी है
    इसकी अमर कथाएँ सारे
    भूमण्डल से न्यारी है।।
    गर्व करें इस धरती पर
    जहाँ अपने पुरखे रहते थे
    अपनी आन,बान,खुद्दारी के
    खातिर मर मिटते थे
    अपनी बाणी शुद्ध करन कुछ
    मरूधर का गुण गाया है
    इसकी गाथा बर्णन को नहीं
    पार कबि कोई पाया है
    मैं कैसे गुणगान करूँ
    जब शेष,शारदा हारी हैं
    इसकी अमर कथाएँ सारे
    भूमण्डल से न्यारी है।।

पुरुषोत्तम अग्रवाल
कटक