1000 साल का प्राचीन शहर कटक उल्टा सीधा जिधर से पढो कटक, ओडिशा की शान कटक, 10 वीं कडी

1000 साल का प्राचीन शहर कटक
उल्टा सीधा जिधर से पढो कटक
ओडिशा की शान कटक
10 वीं कडी

नन्द किशोर जोशी

पिछली कडी में अंग्रेजों का कटक, ओडिशा के आगमन के बारे में लिखा था.अंग्रेज यहाँ पहुंच कर स्थानीय लोगों पर अनेक अत्याचार प्रारंभ कर दिये. लोगों में धीरे धीरे आक्रोश अंग्रेजों के खिलाफ फैलने लगा.

नमक पर टैक्स बैठाया गया. पुरी में श्रीजगन्नाथ की रथयात्रा को बंद करने का प्रयास किया गया. उनदिनों संध्या समय पूरे ओडिशा के घर घर में भागवत का पाठ नियमित रुप से होता था, इसे बंद करने का फरमान जारी किया गया.

अंग्रेजों ने एक तरफ तो हिन्दुओं को संध्या समय भागवत पाठ श्रवण और मनन बंद करने के लिए आदेश जारी किया, वहीं दूसरी तरफ स्वंय अंग्रेजों ने कटक चंडी मंदिर के पास एक चर्च की स्थापना की. इसी के केंपस में आज के दिन लडकियों की सेंट जोसेफ कोनवेंट स्कूल चल रही है, ईसाइयों का दया आश्रम भी इसीके केंपस में ही है.

इसाई धर्म के प्रचार प्रसार के लिए अंग्रेजों ने कटक में ओडिशा की सर्वप्रथम एक प्रिंटिंग प्रेस की भी स्थापना की. इस प्रिंटिंग प्रेस में शुरुआती दौर में केवल अंग्रेजी से ओडिया अनुवाद की हुई बाइबिल वगैरह ही छपा करती थी.

यह प्रिंटिंग प्रेस मिसन रोड पर मिसन स्कूल के पास स्थापित की , इसी प्रेस के अति निकट बिल्डर ने “सिलवर लाइन “के नाम से 120 फ्लेट वाली इमारत खडी की है.क्रमशः

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