भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 55 वें संस्करण में “शताब्दी विशेष एएनआर: अक्किनेनी नागेश्वर राव के जीवन और कार्यों का उत्सव” नामक एक विशेष सत्र के माध्यम से भारतीय सिनेमा के अग्रणी अक्कीनेनी नागेश्वर राव (एएनआर) को श्रद्धांजलि दी गई। पणजी में कला अकादमी में आयोजित इस सत्र में उनके बेटे नागार्जुन अक्किनेनी ने प्रशंसित अभिनेत्री खुशबू सुंदर के साथ बातचीत की।

कार्यक्रम की शुरुआत एक श्रद्धांजलि वीडियो के साथ हुई जिसमें एएनआर की विरासत और तेलुगु सिनेमा को स्वरुप देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाया गया था। नागार्जुन ने अपने पिता की दिल से जुड़ी यादें साझा कीं और उद्योग के लिए उनके दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।

नागार्जुन ने कहा, “मेरे पिता का लक्ष्य स्पष्ट था: तेलुगु सिनेमा को इतना शक्तिशाली बनाना कि जिसका लोहा माना जाए।” “उन्होंने अन्नपूर्णा स्टूडियो की स्थापना की, जो आज भी उद्योग की आधारशिला है।” उन्होंने तेलुगु सिनेमा को अखिल भारतीय लोकप्रिय बनाने में एएनआर की दूरदर्शिता पर भी जोर देते हुए कहा, “उनका मानना था कि भाषा को बाधा नहीं बनना चाहिए, जो समय से आगे की सोच थी ।”
खुशबू सुंदर ने नागार्जुन से एएनआर की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी पर चर्चा की। नागार्जुन ने अन्नपूर्णा कॉलेज ऑफ फिल्म जैसी पहलों के माध्यम से एएनआर के दृष्टिकोण को संरक्षित करने का श्रेय अपने परिवार को दिया और कहा, “यह अगली पीढ़ी के फिल्म निर्माताओं के लिए एक मंच सृजित करने के संबंध में है।”

जब नागार्जुन से बातचीत के दौरान एएनआर पर बायोपिक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने वृतचित्र बनाने की अपनी योजना बताई। उन्होंने कहा, “एक वृतचित्र उनके जीवन और दृष्टिकोण के सार को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकेगा।”
सत्र का समापन नागार्जुन और खुशबू द्वारा सिनेमा में एएनआर के कालातीत योगदान का उत्सव मनाने के साथ हुआ, जिसने दर्शकों को सिनेमाई व्यक्तित्व की अनुपम विरासत से प्रेरित किया।
