1953 से हर साल 14 सितंबर को मनाए जाने वाले हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने आज हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ किया। इसका उद्घाटन करते हुए महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि हिंदी देश में लोगों को जोड़ने का काम करती है। हिंदी ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा कि भाषा समाज की संस्कृति को दर्शाती है। इसलिए, भारतीय संस्कृति और समाज के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हिंदी और सभी क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम सभी को हिंदी भाषा के साथ-साथ कम से कम एक क्षेत्रीय भाषा सीखने का प्रयास करना चाहिए। हम सभी के लिए, मातृभाषा में अभिव्यक्ति हमेशा आसान, अधिक व्यक्तिगत और हमारे विचारों के प्रति सच्ची होती है, और इसलिए इसे सीखना भी चाहिए।
इस अवसर पर, एनएचआरसी के संयुक्त सचिव श्री देवेंद्र कुमार निम ने कहा कि एक भाषा राष्ट्रीय पहचान बनाती है। इसलिए, हमारे दैनिक जीवन और आधिकारिक कामकाज में राजभाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हिंदी दिवस संविधान सभा द्वारा हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाए जाने की याद में मनाया जाता है।
आयोग कार्यालयी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पखवाड़े के दौरान कई प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहा है।