“भारत आज अधिकांश वैश्विक मानदंडों में आगे है, कुछ क्षेत्रों में यह अन्य बड़े देशों के बराबर है, जबकि कुछ अन्य क्षेत्रों में यह उनसे भी आगे है”: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

‘इकोनॉमिक टाइम्स’ द्वारा आयोजित पहले “ईटी सरकारी पीएसयू पुरस्कार” समारोह में भाग लेते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत आज अधिकांश वैश्विक मानदंडों में आगे है, कुछ क्षेत्रों में यह अन्य बड़े देशों के बराबर है, जबकि अन्य क्षेत्रों में यह उनसे बहुत आगे है।”

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके निरंतर योगदान तथा वृद्धि एवं विकास के इंजन होने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) की प्रशंसा की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “वर्तमान समय में 10वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंची भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास पीएसयू के योगदान के कारण ही संभव हुआ है।”

पीएसयू आज वैश्विक मानदंडों और मानकों पर खरे उतरे हैं। उनके अद्वितीय प्रयासों के कारण ही भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में ऊंचे पायदान पर पहुंचा है। आज, यह विश्व में 40वें स्थान पर है, जो तुलना योग्य कई अन्य अर्थव्यवस्थाओं से आगे है, जबकि 2014 में यह 81वें स्थान पर था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि भारत दुनिया में क्वांटम मिशन के क्षेत्र में अग्रणी है और इस विशिष्ट समूह में शामिल विश्व के पांच या छह देशों में से एक है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन सरकार की प्राथमिकता वाली प्रमुख पहलों में से एक है, जिसके अंतरिक्ष से लेकर क्रिप्टोग्राफी तक कई अनुप्रयोग हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “वर्तमान समय में भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों ने जो उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, उसका कारण यह है कि उन्होंने निजी कंपनियों को शामिल करने के प्रति अपनी झिझक छोड़ दी है।”

उनके प्रयासों को मान्यता देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने विभिन्न श्रेणियों के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को पुरस्कृत भी किया। कौशल विकास की श्रेणी में, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को स्वर्ण पुरस्कार मिला, जबकि एआई और पूर्वानुमानित प्रौद्योगिकी अपनाने की श्रेणी में भाषिणी को स्वर्ण पुरस्कार मिला। कर्मचारी स्व-सेवा श्रेणी में एचपीसीएल को स्वर्ण पुरस्कार मिला, जबकि स्वदेशी प्रौद्योगिकी अपनाने में भेल को स्वर्ण पुरस्कार दिया गया। सी-डैक, ईईएसएल आदि अन्य विजेता रहे।

कार्यक्रम के समापन से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह को इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा सम्मानित किया गया। डॉ. सिंह के मार्गदर्शन और सलाह के लिए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *