हिंदू धर्म में सती प्रथा बाल बिबाह जन्म आधारित वर्ण ब्यावस्था, बाल बिबाह हिंदू समाज केलिए कलंक है क्या हिंदू स माज में यह दोष है वह समाज कभी विश्व गुरु हो सकता है ?१४०० वर्ष पहले अरब में अरब साम्राज्यवाद पैदा हुवा तलवार के जोर पर इस्लाम का बिस्तार अरब साम्राज्यवाद लक्ष्य जहाँ पुराना जो धर्म है उसको खत्म करके इस्लाम को प्रतिष्ठित करना इस्लाम के ब बिस्तार केलिए लोग इस लिए लड़ते थे उन्हें युद्ध जीतने पर लूट के माल के रूप में रुपया पैसा तो मिलेगा ही उसे खूबसूरत औरत भी मिलेगी युद्ध जीतने पर लूट के माल के रूप में नधन व स्त्रिया मिलेगी उसका ५ वा भाग खलीफा को मिलेगा बाक़ी इस्लाम कलिए लड़ने वालो में बाट दी जाएगी लूट के माल में बच्चो युवकोंको भी रखा गया इन्हें आप गुलाम रख सकते है इस्लाम केविस्तार के लिए जो लड़ाई लड़ी जाती उसे। जिहाद कहते है इसमें लड़ने वाले के सामने दोनों विकल्प है यदि वहजिहाद करते करते म मर गया तो अल्लाह उसे ज़मीन पर गिरने न देगा सीधे उसे जन्नत में ले जाएगा उसे क़यामत तक इंतज़ार नहीं करना होगा जन्नत में उसे हूर की सुंदर सुंदर परियाँ मिलेगी इस तरह इस्लाम का विस्तार हुआ हमारे हिंदू धर्म में पति पत्नी का संबंध ७ जन्मो का संबंध है उसकेशरीर को पति के अलावा किसी ने छुआ तो मुक्ति नहीं मिले हुई हिंदू स्त्रियों ने जहर खा कर आत्माहत्या करना आरम्भ कर दिया इस्लाम में डेड बॉडी से बलात्कार करना और अच्छा है तब हिंदू स्त्रियों ने अग्नि स्नान करके स्वयं की ख़त्म करना आरम्भ किया मोहम्मद साहब ने ९ वर्ष की लड़की से बिबाह किया इस्लाम में ९ वर्ष की लड़की से बिब्बाह जायज़ है जब यहा मुस्लिम शासक हुवे ये ९ वर्ष की हिंदू लड़की को उठा कर ले जाते तभी से बाल बिब्बाह आरम्भ हुवा हमारे यहाँ सूरज की साक्षी में विवाह सम्पन्न होते थे रात कोई मुस्लिम बिबाह मंडप से उनकी बेटी की उठा के न ले जाए अंधकार में होने लगे हिंदू धर्म में जन्म से नहीं कर्म से उसकी जाति जानी जाती थी इस्लाम में जन्म से जाति ब्यवस्था है ग गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते है मैंने चार वर्णी की ब्यावस्ता की है गुणकर्म स्वभाव के हिसाब से इसीलिए हिंदू धर्म में बाल्मीकि रामायण बहुत प्रसिद्ध है बाल्मीकि का जन्म उच्च जाति में नहीं हुआ संत रविदास का जन्म चमार परिवार में हुआ मीरा ने उन्हें गुरु बनायाउनसे गुरु मंत्र लिया भारत वर्ष में इस्लाम को लोगो बी अपने प्राण बचाने के लिए अपनाया उनके सामने बादशाह ने एक श शर्त रंग दी या तो इस्लाम स्वीकाआर करो या प्राण दोकिसी हिंदू ने प्रेम से इस्लाम को नहीं अपनाया या तो प्राण बचाने के लिए या हिंदू बने रहने कि लिए जज़िया कर नहीं देने की स्थिति में इस्लाम में प्रवेश करने पर वह प्रथम श्रेणी का नागरिक हो जाता इससे प्रमाणित होता है हिंदू धर्म में जन्म से जात व्यवस्थापक या अत्याचार नहीं था यदि यह होता ति सबके सबहरि जन मुस्लिम ही जाते मनु स्मृति क्षारीय है जन्मना जायते शूद्र संस्करात द्विज उच्चते यानी जन्म से सभी शूद्र होते है संस्कार से लोग उच्च बनते है.

