केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एंटी-नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एंटी-नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर अमित शाह ने नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की वार्षिक रिपोर्ट2024 जारी की और ऑनलाइन ड्रग विनष्टीकरण अभियान (Drug Disposal Campaign) की शुरुआत की। 16 और 17 सितंबर को आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के ANTF प्रमुखों के साथसाथ अन्य सरकारी विभागों के हितधारक भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक और NCB के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का नशामुक्त भारत का संकल्प और नशे के खिलाफ हमारी लड़ाई तभी सफल हो सकते हैं जब NCB और केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साथ-साथ भारत सरकार, राज्य सरकारों के सभी विभाग और ANTF की टीमें भी इसे अपना संकल्प बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमारे सामने 2047 में एक महान और विकसित भारत की कल्पना रखी है और ऐसे भारत की रचना के लिए हमारी युवा पीढ़ी को ड्रग्स से बचाना बहुत ज़रूरी है। श्री शाह ने कहा कि किसी भी देश की नींव उसकी युवा पीढ़ी होती है और अगर हमारी आने वाली नस्लें ही खोखली हो जाएंगी तो हम रास्ते से भटक जाएंगे।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ड्रग्स के छोटे डीलर्स के साथ ही बड़े ड्रग कार्टेल्स पर रुथलेस कार्यवाही कर रही है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में अब एक्शन और एक्ज़ीक्यूशन में स्केल को बदलने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि देश में ड्रग की एंट्री, डिस्ट्रीब्यूशन और Local Sale से लेकर इनके सरगनाओं तक कठोर आघात किया जा रहा है। अब हमारी लड़ाई ड्रग्स का खुदरा व्यापार करने वालों को पकड़ कर इसका व्यापार कम करने की जगह तीन प्रकार के कार्टेल के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि देश के सभी एंट्री पॉइंट्स पर ऑपरेट करने वाले कार्टेल, एंट्री पॉइंट से राज्य तक वितरण करने वाले कार्टेल और राज्यों मे छोटे स्थानों तक मादक पदार्थ बेचने वालों तक कार्टेल पर कठोर आघात करने का अब समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हर राज्य तीनों प्रकार के कार्टेल पर एक उच्चस्तरीय स्ट्रैटेजी बनाए और इसमें राज्य, विशेषकर ज़िला पुलिस, को शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि कार्टेल पर लगाम लगाने के लिए डार्कनेट, क्रिप्टो करेंसी, कम्युनिकेशन पैटर्न, लॉजिस्टिक्स, फायनेंशियल फ्लो का एनालिसिस, मेटा डाटा एनालिसिस और मशीन लर्निंग मॉडल जैसी तकनीकों को अपनाना होगा। श्री शाह ने कहा कि यह तभी संभव है जब इस मुहिम से जुड़े सभी लोग तय करें कि यह लड़ाई हमारी अपनी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि सबको यह तय करना होगा कि एक साल में 12 दिन इस लड़ाई के लिए रिज़र्व रखेंगे और जब तक यह संकल्प लेकर हम आगे नहीं बढ़ते, तब तक हम स्केल बदलने की कल्पना नहीं कर सकते।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नशामुक्त भारत अभियान आज देश के 372 ज़िलों में चल रहा है और इसके साथ 10 करोड़ लोग और 3 लाख शैक्षणिक संस्थान जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्याप्त नहीं है, यह अभियान हर ज़िले में चलना चाहिए और हर शैक्षणिक संस्थान तक हमारी पहुंच होनी चाहिए। शाह ने कहा कि विगत वर्षों में NCB की इकाइयों ने एक ड्रग्स नेटवर्क चार्ट तैयार किया है जिसका उपयोग राज्य कर सकते हैं। इसी प्रकार, देशभर के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में मिशन ड्रग्स फ्री कैंपस कैम्पेन भी चल रहा है/ साथ ही डार्क नेट, क्रिप्टो पर प्रशिक्षण औऱ मानस हेल्पलाइन का उपयोग बढ़ाने के लिए भी अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि NIA ने PIT-NDPS एक्ट (Prevention of Illicit Traffic in Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत 18 मामले दर्ज कर इनकी 360 डिग्री जांच शुरू की है। इसी प्रकार, नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने राज्यों से प्राप्त 35 से अधिक केसों में 360 डिग्री जांच शुरू की है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हमने हज़ारों लोगों को प्रशिक्षित किया है।

अमित शाह ने कहा कि नशामुक्त भारत अभियान में ANTF और नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (NCORD) की निर्णायक भूमिका है और जब तक इस अभियान के प्रति हर ज़िला, वहां की पुलिस, शिक्षा अधिकारी संवेदनशील नहीं होते हैं, तब तक यह अभियान सफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि ज़िले के धार्मिक नेताओं और युवा संगठनों को भी इस अभियान के साथ जोड़ना होगा। श्री शाह ने कहा कि NCORD की जिलास्तरीय बैठकों की संख्या बढ़ी है लेकिन आज भी देश के 272 ज़िले ऐसे हैं जहां एक भी NCORD की बैठक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सभी ANTF प्रमुख अपने राज्य में कलेक्टर को NCORD बैठक आयोजित करने के लिए प्रेरित करें और मुख्य सचिव से भी बात कर इसे सुनिश्चित करें।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भगोड़ों का निर्वासन और प्रत्यर्पण बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि अब विदेश में बैठकर यहां ड्रग्स का व्यापार करने वाले लोगों को भारतीय कानून की पकड़ में लाने का समय आ गया है। शाह ने कहा कि सीबीआई ने इस दिशा में बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने ANTF प्रमुखों से कहा कि वे सीबीआई निदेशक से संपर्क कर प्रत्यर्पण के लिए अपने यहां एक सुनिश्चित व्यवस्था खड़ी करें जो न सिर्फ ड्रग्स, बल्कि आतंकवाद और गैंग तक सभी के लिए कारगर सिद्ध हो। गृह मंत्री ने कहा कि जिस तरह प्रत्यर्पण ज़रूरी है उसी प्रकार से प्रैक्टिकल अप्रोच से निर्वासन भी ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया के प्रति एक लिबरल अप्रोच अपनाकर अपराधियों को डिपोर्ट करने की व्यवस्था के लिए रास्ता सुनिश्चित करना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त विदेशी अपराधियों और भगोड़ों को वापिस लाने के लिए एनसीबी, सीबीआई और राज्य पुलिस का एक संयुक्त तंत्र बनाना बेहद ज़रूरी है।

गृह मंत्री ने कहा कि सिंथेटिक ड्रग्स और लैब्स का चलन आने वाले दिनों में बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हर राज्य के ANTF प्रमुख को अपने यहां पैनी नज़र रखते हुए इस प्रकार की लैब्स या सिंथेटिक ड्रग्स को पहचान कर नष्ट करने की कार्रवाई करनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि विगत एक साल में इस दिशा में बहुत अच्छा काम हुआ है लेकिन लैब्स या सिंथेटिक ड्रग्स बनें ही नहीं, हमें इस दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जब ड्रग्स की उपलब्धता समाप्त हो जाएगी तभी नशा करने वाला व्यक्ति मेडिकल सहायता के लिए आगे आएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज देशभर में 11 जगहों पर करीब 4800 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग एक लाख 37 हज़ार 917 किलोग्राम ड्रग्स को नष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें साइंटिफिक तरीके से हर तीन माह में हर राज्य में ज़ब्त की गई ड्रग्स को नष्ट करने की परंपरा बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस के कब्ज़े में पड़ी ड्रग्स भी हमारे लिए खतरनाक है। श्री शाह ने कहा कि नशे की समस्या के निवारण के लिए टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप अप्रोच बेहद ज़रूरी है। गृह मंत्री ने कहा कि आंकड़े बनाना हमारा ध्येय नहीं है बल्कि आंकड़े बने ही नहीं, ऐसा भारत बनाना हमारा ध्येय है। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब हम टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप अप्रोच अपनाएं।

अमित शाह ने कहा कि कॉमन स्ट्रक्चर और ऑपरेशनल यूनिफॉर्मिटी बहुत ज़रूरी है। बेस्ट प्रैक्टिसिस के एक्सचेंज और इसे खुले मन से स्वीकार करने के आधार पर ही राज्य की स्थिति के अनुकूल एसओपी बने और राष्ट्रीय एसओपी इस एसओपी का हिस्सा हो। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का तंत्र तैयार किए बिना हम इस लड़ाई में बहुत पीछे रह जाएंगे। श्री शाह ने कहा कि कम से कम नारकोटिक्स के हर बड़े केस में हमें NATGRID का उपयोग कर पूरा नेटवर्क ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे न सिर्फ हमारा केस मज़बूत बनेगा बल्कि हम पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में भी सफल होंगे। गृह मंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार राज्यों को सहायता देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने सभी एनटीएफ प्रमुखों से आग्रह किया कि वे एक एंटी नारकोटिक्स एक्शन चेकलिस्ट बनाएं, जिसमें केस की जांच किस प्रकार से की गई और केस पहचान कर जिला पुलिस ने कितने प्रयत्न किए, की जानकारी शामिल हो। उन्होंने कहा कि इसका हर तीन महीने में रिव्यू करने से यह लड़ाई अपने आप नीचे तक पहुंच जाएगी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हर राज्य को फाइनेंशियल ट्रेल, हवाला लिंक्स, क्रिप्टो लेनदेन और साइबर चेक्स के लिए अपने यहां एक विशेष दस्ता बनाना चाहिए तभी हम इस लड़ाई को पुख्ता तरीके से लड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स-फोकस्ड फॉरेंसिक लैब की एक यूनिट भी हर राज्य में होनी चाहिए, जिससे गुनहगार को आसानी से ज़मानत न मिल सके। श्री शाह ने कहा कि सभी पात्र मामलों में PTNDPS लगाने में कोई झिझक नहीं करनी चाहिए और हर राज्य में प्रॉसीक्यूशन की व्यवस्था को एनसीबी के ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए केसों की स्टडी कर दुरुस्त करना होगा।

अमित शाह ने कहा कि राज्यस्तरीय NCORD बैठक की रिपोर्टिंग को पोर्टल पर ठीक करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि हमें MANAS हेल्पलाइन नंबर 1933 का उपयोग अधिक से अधिक बढ़ाना चाहिए। शाह ने कहा कि हमें ड्रग्स की सप्लाई चेन तोड़ने के लिए रूथलेस अप्रोच, डिमांड रिडक्शन में स्ट्रैटेजिक अप्रोच और हार्म रिडक्शन में ह्यूमन अप्रोच की एक त्रिकोणीय रणनीति के तहत कदम उठाने होंगे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्ष 2004 से 2013 तक ज़ब्त ड्रग्स की मात्रा 26 लाख किलोग्राम थी, जिसका मूल्य 40 हज़ार करोड़ रूपए था जो 2014 से 2025 तक बढ़ कर 1 करोड़ किलोग्राम हो गई, जिसका मूल्य 1 लाख 65 हज़ार करोड़ रूपए है। उन्होंने कहा कि जब समन्वित प्रयास होते हैं तो सफलता भी मिलती है। हमें अपने प्रयासों को स्ट्रैटेजिक अप्रोच के साथ तेज़ करना होगा, तभी हम नशामुक्त भारत की कल्पना के बहुत करीब पहुंच सकेंगे।

अमित शाह ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच 3 लाख 63 हज़ार करोड़ रूपए का ड्रग्स डिस्पोज़ल हुआ था, जबकि 2014 से 2025 के दौरान 35 लाख 21 हज़ार करोड़ रूपए का ड्रग्स डिस्पोज़ल हुआ है। 2004 से 2014 के बीच डिस्पोज़्ड हुई ड्रग्स का मूल्य 8 हज़ार 150 करोड़ रूपए था जबकि 2014 से 2025 के दौरान डिस्पोज़्ड ड्रग्स का मूल्य 71 हज़ार 600 करोड़ रूपए है। उन्होंने कहा कि 2020 में ड्रग्स पैदा करने वाली 10,700 एकड़ भूमि का विनष्टीकरण किया गया, 2021 में 11 हज़ार एकड़, 2022 में 13 हज़ार एकड़ और 2023 में 31 हज़ार 761 एकड़ भूमि को नष्ट किया गया। इसी प्रकार कैनाबिस पैदा करने वाली भूमि का विनष्टीकरण 21 हज़ार एकड़ से बढ़कर 34 हज़ार एकड़ तक पहुंच गया है। शाह ने कहा कि 2004 से 2014 के दौरान 1 लाख 73 हज़ार लोग गिरफ्तार किए गए जबकि 2014 से 2025 के दौरान 7 लाख 61 हज़ार लोग गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी समस्या के सामने यह उपलब्धि बहुत छोटी है और इसे हमें कई गुना बढ़ाना होगा, तभी हम सफल होंगे।

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