भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाएँ! – तेलंगाना के विधायक टी. राजा सिंह का आह्वान

फोंडा, गोवा (सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले नगरी) – संत और गुरुजनों ने सदैव कहा है, “आनेवाला समय युद्ध का है। उस युद्ध में विजयी होने और उसे लड़ने के लिए हर हिन्दू को तैयार होना होगा।” पहलगाम में हुए हमले में धर्म पूछकर लोगों की हत्या की गई। इतिहास में औरंगजेब, अकबर जैसे अनेक आक्रमणकारियों ने भी धर्म पूछकर ही जबरन धर्मांतरण किया और जिन्होंने धर्मांतरण नहीं किया, उन्हें मार डाला। आज उनके ही अनुयायी उन्हीं की राह पर चल रहे हैं। इस प्रकार की प्रवृत्तियाँ केवल पहलगाम में नहीं, बल्कि हर राज्य, हर ज़िले में छिपी हो सकती हैं। इसलिए हिंदुओं को अपने बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना चाहिए। जो लड़ेगा वही बचेगा, जो नहीं लड़ेगा उसके लिए आनेवाला समय अत्यंत कठिन है। इसलिए यहां से जाने से पहले सभी हिंदू एक संकल्प लें कि आनेवाले समय में हम भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने हेतु आवश्यक प्रत्येक कदम उठाएँगे और संगठित रहेंगे। ऐसा आह्वान तेलंगाना के भाजपा विधायक एवं प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ नेता श्री टी. राजा सिंह ने ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ में किया।
गोवा की पुण्यभूमि ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले नगरी’ में आयोजित इस महोत्सव का समापन अत्यंत भव्य और भक्तिमय वातावरण में हुआ। भारत सहित 23 देशों से लगभग 30,0000 हिन्दू धर्मप्रेमियों और साधकों ने सहभाग लेकर हिन्दू एकता का प्रभावशाली दृश्य प्रस्तुत किया। यह महोत्सव वास्तव में हिन्दू राष्ट्र स्थापना की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।
महोत्सव में अनेक आध्यात्मिक, राष्ट्रहितकारी और सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए। भारत की विजय, भारतीय सेना, सनातन धर्मप्रेमियों तथा राष्ट्ररक्षा के लिए ‘शतचंडी यज्ञ’ तथा सभी सनातनी हिन्दुओं को उत्तम आरोग्य प्राप्त हो, इसके लिए ‘महाधन्वंतरी यज्ञ’ भावपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुए। इन यज्ञों के लिए तमिलनाडु से 35 पुरोहित आमंत्रित किए गए थे।
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवले के शुभहस्तों से ‘सनातन धर्मध्वज’ का जयघोष के साथ आरोहण हुआ। इस अवसर पर राष्ट्र और धर्मकार्य में कार्यरत 25 राष्ट्रनिष्ठ और धर्मनिष्ठ व्यक्तियों को ‘हिंदू राष्ट्ररत्न’ एवं ‘सनातन धर्मश्री’ पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार अब हर वर्ष प्रदान किए जाएँगे।
प्रसिद्ध कीर्तनकार श्री चारुदत्त आफळे ने सनातन संस्था के संस्थापक डॉ. जयंत आठवले के जीवन को भावपूर्ण कीर्तन के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस कीर्तन में यह बताया गया कि एक राष्ट्रगुरु कैसे होते हैं, उनका कार्य कैसा होता है और उससे समाज में धर्माभिमान कैसे जागृत होता है। गोवा की पारंपरिक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुतियाँ, गुरुवंदना गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साथ ही धर्मशिक्षा और साधना वृद्धि हेतु आयोजित ग्रंथप्रदर्शनी का हजारों श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया।
महोत्सव में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पू. महंत रविंद्र पुरीजी, अयोध्या हनुमानगढी के पू. महंत राजू दास, श्रीक्षेत्र तपोभूमि (कुंडई, गोवा) के पिठाधीश्वर पद्मश्री सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजी, ‘सनातन बोर्ड’ के प्रणेता पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुरजी, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री उदय माहुरकर, तथा काशी-मथुरा मंदिरों का मुकदमा लड़ने वाले सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री विष्णु शंकर जैन आदि अनेक मान्यवरों ने अध्यात्म, राष्ट्र और धर्म जैसे विषयों पर हजारों हिन्दुओं को मार्गदर्शन प्रदान किया। इस संपूर्ण महोत्सव से सभी को राष्ट्रधर्म की सेवा हेतु आध्यात्मिक, वैचारिक और शारीरिक बल प्राप्त हुआ।