11 और 13 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में भारत ने ऑपरेशन शक्ति के तहत पांच सफल परमाणु परीक्षण किए.

इनमें 45 किलोटन का एक शक्तिशाली फ्यूज़न बम भी शामिल था. इन परीक्षणों के साथ ही भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में गौरवपूर्ण स्थान पर पहुंच गया.
इस अभियान की सफलता का सबसे बड़ा स्तंभ था गोपनीयता. भारतीय वैज्ञानिकों ने दिन के उजाले से बचते हुए केवल रात्रिकाल में काम किया.
रेगिस्तान में गहरे गड्ढे खोदे गए, जहां परमाणु उपकरण छिपाकर परीक्षण की तैयारी की गई.
यह सिर्फ़ एक परीक्षण नहीं था, यह भारत की वैज्ञानिक क्षमता, रणनीतिक चातुर्य और आत्मनिर्भरता की घोषणा थी.