एनएचआरसी, भारत ने दिल्ली में स्थित एक कोचिंग सेंटर के बाढ़ग्रस्त बेसमेंट लाइब्रेरी में तीन छात्रों की डूबने से हुई मौत की खबर का स्वतः संज्ञान लिया

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने मीडिया रिपोर्टों का स्वतः संज्ञान लिया है, रिपोर्ट्स के अनुसार 27 जुलाई, 2024 को दिल्ली में एक प्रमुख सिविल सेवा कोचिंग सेंटर के बाढ़ग्रस्त बेसमेंट लाइब्रेरी में 3 छात्रों की डूबने से मौत हो गई। समाचार रिपोर्ट से ज्ञात होता है, कि जलभराव से संबंधित कई शिकायतें अधिकारियों से की गईं थी, लेकिन उन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री संबंधित अधिकारियों द्वारा बरती गयी लापरवाही का संकेत देती है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले अधिकारियों द्वारा बरती गयी लापरवाही की एक अन्य घटना में एक सिविल सेवा उम्मीदवार की जलभराव वाली सड़क पार करते समय बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी, जिसका आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया था। इसलिए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, नगर निगम और साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं। तदनुसार, आयोग द्वारा मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त और नगर निगम आयुक्त को दो सप्ताह के भीतर मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।

दिल्ली के मुख्य सचिव को दिल्ली भर में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करके चल रहे ऐसे संस्थानों और कोचिंग सेंटरों की सही संख्या का पता लगाने हेतु गहन सर्वेक्षण कराने के लिए भी कहा गया है। ऐसे संस्थानों के बारे में प्रत्येक विवरण जिसमें उनके खिलाफ लंबित शिकायतें और संबंधित विभाग द्वारा की गई कार्रवाई शामिल है, का रिपोर्ट में उल्लेख होना चाहिए। आयोग उन दोषी लोक सेवकों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानना चाहेगा जो इन अनियमितताओं को रोकने के लिए अपने वैध कर्तव्य को निभाने में विफल रहे।

इसके अलावा, आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से मृतकों के निकटतम सम्बंधियों को दिए गए मुआवजे के बारे में सूचित करने के साथ-साथ ऐसी दुखद घटनाएं फिर न हों यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए/प्रस्तावित कदमों के बारे में भी पूछा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाइब्रेरी में करीब 35 छात्र पढ़ रहे थे, तभी अचानक बारिश का पानी अंदर आने लगा। इससे अफरातफरी मच गई, जलभरी सड़कों से गुज़रना एक बात है और बांध फटने जैसी स्थिति, जहां किसी के पास बचने का कोई साधन न हो, का सामना करना पूरी तरह से एक अलग बात है। कथित तौर पर छात्रों ने यह भी बताया कि संस्थान की लाइब्रेरी में हर साल बारिश का पानी भर जाता है, लेकिन गेट टूटने की वजह से बेसमेंट में पानी भर गया। यह घटना शाम 7-7.15 बजे हुई और बचाव दल के गोताखोर रात 9.15 बजे के आसपास आए। पानी के सक्शन पंपों के देरी से आने के वजह से स्थिति और खराब हो गई।

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