कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने सभी संस्थानों में स्वच्छता ही सेवा और विशेष अभियान 4.0 के तहत नागरिकों को स्वच्छता से जोड़ने के लिए स्थानीय निकायों द्वारा की गई पहल का आयोजन किया।


पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ आईसीएआर संस्थानों में निकटवर्ती गांवों को अपने आस-पास की सफाई रखने और कचरे के उचित निपटान के लिए जागरूक किया गया और स्थानीय बाजार में विभिन्न स्थानों पर कूड़ेदान लगाए गए। संस्थान के अधिकारियों द्वारा स्थानीय लोगों और दुकानदारों को सूखे और गीले कचरे के प्रबंधन और पुनर्चक्रण विधियों के बारे में शिक्षित किया गया। गाँव के प्रमुख स्थानों पर स्वच्छता बैनर लगाकर किसानों तथा ग्रामीणों को स्वच्छता और सफाई के महत्व के बारे में बताया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों को मानसिक और शारीरिक स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करना था। आईसीएआर संस्थानों के विशेषज्ञों ने गाँव के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया। इस स्वच्छता कार्यक्रम के दौरान आयोजित किए गए सत्रों में घरों में स्वच्छता, व्यक्तिगत स्वच्छता और सामुदायिक वातावरण को बनाए रखने के व्यावहारिक कदमों पर चर्चा शामिल थी। संस्थान के अधिकारियों ने मानसिक स्वास्थ्य पर बात करते हुए लोगों को बताया कि समग्र स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ, तनाव मुक्त मन शारीरिक स्वच्छता जितना ही महत्वपूर्ण है। स्वच्छता अभियान के मुख्य संदेशों ने समुदाय के सदस्यों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह पहल, व्यापक स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण समुदायों के स्वच्छता संबंधी व्यवहार में शिक्षा और बातचीत के माध्यम से बदलाव लाना है।
