ममता बनर्जी का झूठा बंगाली प्रेम

इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार

महामंत्री, वीर सावरकर फाउंडेशन

ममता बनर्जी बात बात में बंगाल की बेटी होने का दावा करती है,तथा बंगाल के लोगो को यह मेसेज देती है,मैं ही बंगाल की संस्कृति की रक्षा कर सकती हूँ और कोई गुजराती भाई या मारवाड़ी, बिहारी ये सब के सब बहिरागत लोग है,इनसे बंगाल के लोग दूर रहे। मेरे पुरखे मारवाड़ से १८८० में बंगाल आये थे तथा बंगाल की उन्नति में शेयर बाज़ार के माध्यम से काम किया। अंग्रेज़ी के जमाने में जूट मिल की स्थापना कर बंगाल के लोगो को नौकरी करने का अवसर बनाया। मेरे पिता बाल किशन पोद्दार सुभाष चन्द्र बोस के राजनैतिक साथी थे। सुभाष चन्द्र बोस ने जब कांग्रेस से निकाले जाने के बाद फ़ारवार्ड ब्लॉक का गठन किया, तो वे भी फॉरवार्ड ब्लॉक के संस्थापकों में से एक थे। कलकत्ता स्पेशल पुलिस अधिकारी के रूप में सुभाष बाबू की भारत से बाहर भागने में मदद की। सुभाष बाबू ने जब भारतीय राष्ट्रीय सेना का नेतृत्व सम्भाला,तो उनको भारत की सुभाष ब्रिगेड का दायित्व दिया। मेरे पिता जी ने श्री काशी बिश्वनाथ सेवा समिति की स्थापना कर बंगाल की सेवा की।सुरहावर्दी की ग्रेट कोलकत्ता हिन्दू किलिंग के बिरुद्ध सुभाष ब्रिगेड, कोलकत्ता स्पेशल पुलिस के अपने साथियों को संगठित कर गोपाल पाठा के साथ हिंदू समाज को तैयार कर काउंटर हिन्दू कार्यवाही की व जलते हुवे मुस्लिम मोहल्ले से हज़ारो हिन्दू परिवारो को सुरक्षित निकाला।बाल किशन पोद्दार व गोपाल पाठा के नेतृत्व में हिंदू समाज के प्रति आक्रमण के समक्ष सुरहावर्दी ने ३ दिन में घुटने टेक दिये। कलकत्ता में फिर कुछ करने का साहस नहीं किया नौवाखली चला गया। ब्रिटिश सरकार ने बाल किशन पोद्दार के इस काम के लिए कलकत्ता पुलिस के सर्वोच्च सम्मान “स्टार ऑफ़ कलकत्ता” से सम्मानित किया। मैंने भी जब सत्तर के दशक में नक्सल आंदोलन में बंगाल जल रहा था,यादवपुर विश्वविद्यालय सबसे अधिक नक्सल आंदोलन से प्रभावित था। हमारे उपाचार्य गोपाल सेन की नक्सलियों ने हत्या कर दी। छात्रावास ख़ालीकरवाने में सीआरपी को तीन दिन नक्सल छात्रो से लड़ना पड़ा। तब ख़ाली हुवी। वहाँ मैंने नक्सल छात्रो से लड़ाई लड़ी व छात्र यूनियन ऑफिस पर छात्र परिषद का झंडा फहराया व छात्र यूनियन का महामंत्री बना। पर ममता की निगाह में मैं व मेरा परिवार मोदीजी की तरह बोहिरागत है। वीर सावरकर फाउंडेशन की तरफ़ से मैं व आज के दिन टीएमसी के सांसद सुखेंदु शेखर राय मुजफ्फरपुर शहीद खुदी राम बोस के स्मारकों का दर्शन करने गये। हम आश्चर्य चकित हो गये खुदीराम बोस ने मुजफ्फरपुर क्लब के गेट पर बम मारा था,वहाँ मुर्गी बिक रही है। जिस स्थान पर खुदीराम बोस को जलाया गया था,वहाँ पहले की सरकार ने स्मारक बनाने के लिये योजना बनायी व फण्ड एलोट किया। वह फण्ड लालू यादव ने कही और लगा दिया व खुदीराम बोस के दाह संस्कार वाले स्थान पर पेशाब टट्टी घर बना दिया। मैंने वीर सावरकर फाउंडेशन की तरफ़ से ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, के साथ साथ बहुत नेताओं को पत्र लिखा। सुखेंदु शेखर राय ने भी राज्य सभा में प्रश्न उठाया। मुझे सौगत राय, सुशील मोदी, बंगाल भाजपा अध्यक्ष का पत्र मिला। ममता बनर्जी ने कोई उत्तर ही नहीं दिया। पश्चिम बंगाल सरकार को खुदीराम बोस का विशाल स्मारक बनाना चाहिए था। ममता बनर्जी ने बंगाल के इस महान सपूत के लिये कुछ भी नहीं किया। मुझे मेरे मित्र विधायक परेश पाल ने ज़रूर आश्वासन दिया। सुभाष मेला की तरफ़ से मैं वहाँ स्मारक बनवा दूँगा। पर वह भी आज तक नहीं बन सका मेरी बोहिरागत प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से प्रार्थना है वे भारत माता की सुसंतान खुदीराम बोस के लिये मुजफ्फरपुर में दोनों जगह जहां उन्होंने बम मारा मुज़फ़्फ़रपुर क्लब के उस गेट पर व जहां खुदीराम बोस को जलाया गया वहाँ लालू यादव द्वारा बनाये गये पेशाब टट्टी घर को तोड़ कर सुन्दर स्मारक बनाये। ताकि अगली पीढ़ी खुदीराम बोस के अशीम त्याग व बलिदान को जान सके।

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