स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रवाल वीरो का अतुलनीय योगदान

इतिहास कारो ने वैश्य समाज के बारे में यह आम राय बना दी यह अपने व्यापारब्यवसाय व उद्योगो में रुचि रखता है लेकिन अग्रवाल वैश्य समाज का इतिहास गौरव शाली गौरव शाली रहा है।

इस पर गर्व किया जा सकता है स्वतंत्रता संग्राम का पूरा इतिहास अग्रवंशीयों के त्याग, बलिदान, और राष्ट्र प्रेम की गाथा है इस लिए गाया जाता है यह क़ौम अग्रवालों की जाँबाजों की, इस क़ौम का यारो क्या कहना। देश के स्वतंत्रता संग्राम के समर में अग्रवाल समाज के अग्र वीरो ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया,वे फाँसी पर चढ़े, जेल गए अनेक कष्ट यातनाएँ सही गुप्त रूप से आंदोलन कारियो की आर्थिक सहायता कीं कहीं कहीं तो पूरे परिवार ने कहीं पति पत्नी भगीरथ भतीजे बालक बालिकावो बी शुरू दी यह सत्य है स्वतंत्रता संग्राम में अग्र बंधुओं ने जो हैरत अंगेज कार्य किए , दाँतो टेल अंगुलो आ जाना स्वस्वभाविक है ।

अग्र वैश्य समाज राष्ट्र का महत्वपूर्ण समाज है । इस समाज के कुल प्रवर्तक महाराज अग्रसेन सूर्या कुलोत्पन्न थे जिन्होंने १६ वर्ष की अवस्था में महाभारत युद्ध में भागलेकर वीरतावका परिचय दिया था ।इस समाज के वीर योद्धाओं ने विदेशी व अन्य आक्रान्तावो के आक्रमण का वीरतावपूर्वक सामना किया व विजयी रहे हमारे देश का मुगल काल हो या ब्रिटिश काल का आरम्भ या ब्रिटिश काल इन सभी कालों में अग्रवीरों ने अपना बहुमूल्य योगदान दीया भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में। बहादुर शाह जफर जब अपनी सेना को तनखा नहीं दे पराह था व अंग्रेजो के सामने आत्म समर्पण करने जा रहा था तब रामजी दस गुडवाले नबहादुर शाह जफ़रबकी आर्थिक मदद की ज अंग्रेजों को जीत के बाद आई इस बात का पता चला तो बहुत बुरी तरह इनको जान से मारा इनको ज़मीन में आधा गाड़ दिया ऊपर से कुत्ते छोड़ दिए और मार डाला १८८५ में अग्र वीर।

लाला लाजपत राय ने राजनीति में प्रवेश किया गांधी जी तो बहुत बादमें आए लाला जी बी १९०५ १८१० बंगा भंग आंदोलन किया व अंग्रेजो को बाँग भंग वापस लेने मजबूर कर दिया अंग्रेजों ने लालाजी पर लाठी से प्रहार करवुँको मार डाला जिसका बदला भगत सिंह ने लला भी पर प्रहार करने वाले पुलिस अफ़सर सांडर्स गोली मार कर लिया भगत सिंह के साथ अग्रवाल जैन परि वार में पैदा हुवे युवक ने उन्हें दिल्ली में आश्रय दिया छिपाया व सजा भुगती। सुभाष चंद्र बोस कि भारत से भगाने में बाल किशन पोद्दार ने मदद की बाद में वे भारतीय राष्ट्रीय सेना के भारतमें इंटेलिजेंस इंचार्ज वा सुभाष ब्रिगेड के सर्रवोच्च अधिकारी थे इंजीनियर श्याम सुंदर पोद्दार।

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