नेहरू का नाती का बेटा प्रथम श्रेणी का बुद्धि हीन व बेवक़ूफ़ राहुल गांधी क़ानून की शब्दावलिया ही नहीं समझते- इंजीनियर श्याम सुंदर पोद्दार महमंत्री वीर सावरकर फाउंडेशन

प्रथम श्रेणी का बुद्धि हीन व बेवक़ूफ़ राहुल गांधी क़ानून की शब्दावलिया ही नहीं समझते। क़ानून की भाषा मेंन्यायाधीश को मेरे भगवान कहा जाता है। तो न्यायाधीश भगवान हो गया उसी तरह कोई कैदी यदि सरकार को कोई कैदी शिकायत पत्र भी लिखता है उसे दया याचिका या मर्सी पिटीशन कहा जाता है इसका मतलब नहीं होता उस कैदी ने माफ़ी मागी। राहुल गांधी को मैं चुनौती देता हूँ सावरकर ने अंडमान जेल से जो भी पत्र लिखे उसमे कही भी सावरकर ने सरकार को लिखा हो मुझे अपने किए पर पछतावा है या यह लिखा हो मुझे छोड़ दिया जाय तो आपका बहुत उपकार होगा। ब्रिटिश सरकार ने।

प्रथम बिश्वयुद्ध की समाप्ति पर अंडमान जेल के सभी कैदियों कोछोड़ दिया पर वीर सावरकर को नहीं छोड़ा क्योंकि सरकार की नजरमें सावरकरब्रिटिश साम्राज्य कि लिए बहुत ख़तरनाक व्यक्ति है जो व्यक्ति इतना जबरदस्त है भारत की धरती पर नहीं। अंग्रेजों की धरती पर। सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट कर्ज़न वायली को अपने शिष्य शहीद मदन लाल ढींगरा से मरवा सकता है वह अपनी धरती भारत में क्या करेगा कोई सोच भी नहीं सकता वह अंग्रेजी सत्ता के लिए बहुत खतरनाक व्यक्ति ही। अंडमान जेल से अंग्रेजोंने छोड़ा भी तउन्हें रत्न गिरी जिले में जिला बंदी के रूप में राजनीति नहीं कर्णेवकी शर्त पर १३ वर्स तक नजरबंद करकेरखा कांग्रेसी लोग कहते है सावरकर को अंग्रेज पेंशन देते थे वह पेंशन नहीं थी रत्नगिरी जिले में जिला बंदी रखेंगे तो जेल में जिंदा रहने केलिए खाना व पैसा देते है तो रत्नावगि में जिला बंदी सावरकर को खाने के लिए कुछ पैसा देना। पेंशन नहीं हैप्रमाण मिले है गांधी को ब्रिटिश सरकार प्रति माह खर्च के लिए पेंशन देती थी सावरकर ने बेरिस्स्तर की परीक्षा पास परंतु उन्होंने ब्रिटेन की महारानी के नाम पर शपथ लेकर बैरिस्टर की डिग्री ली होगी नगांधी नेहरू ने ब्रिटिश महारानी के नामपर शपथ लेकर ली।

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