युवा शक्ति को लोकतंत्र की आत्मा से जोड़ना समय की आवश्यकता – लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

संविधान दिवस के अवसर पर जयपुर स्थित मणिपाल यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘संविधान को जानो’ कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संविधान केवल कानूनों का दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और हमारे राष्ट्रीय चरित्र का मार्गदर्शक है। न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व जैसे मूल मूल्य हमारे लोकतंत्र की नींव हैं और युवाओं के लिए इन्हें समझना और अपने व्यवहार में उतारना बेहद आवश्यक है।

श्री बिरला ने कहा कि ‘संविधान को जानो’ जैसे प्रयास आज के समय की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि जिन विश्वविद्यालयों में देश के अलग-अलग राज्यों और दुनिया के कई देशों से विद्यार्थी पढ़ते हैं, वे भारत की विविधता का सबसे सुंदर स्वरूप दिखाते हैं। यही विविधता हमारी शक्ति है और संविधान इसे एक सूत्र में बांधने का कार्य करता है।

श्री बिरला ने कहा कि संसद का प्रयास है कि संविधान का अध्ययन स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में और अधिक मजबूत रूप से जोड़ा जाए। जब नई पीढ़ी अपनी विरासत और लोकतांत्रिक परंपराओं को समझेगी, तभी भविष्य का भारत और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इनोवेशन और शोध के वैश्विक केंद्र बनें और वहीं से विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त हो।

श्री बिरला ने कहा कि संविधान निर्माण की प्रक्रिया स्वतंत्रता आंदोलन की निरंतरता थी। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष, अहिंसा, त्याग और अनगिनत बलिदानों के बाद देश आज़ाद हुआ, लेकिन उसके बाद राष्ट्र निर्माण की चुनौती और बड़ी थी – सैकड़ों रियासतें, सांस्कृतिक विविधताएँ और अनेक विचारधाराए। इन्हीं परिस्थितियों में डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना आज़ाद सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों ने तीन वर्षों तक व्यापक चर्चा कर एक ऐसा संविधान तैयार किया, जो हर नागरिक को न्याय और अधिकार का भरोसा देता है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत की सबसे बड़ी शक्ति उसका युवा वर्ग, ज्ञान, नवाचार, तकनीक और संस्कृति का संतुलित समायोजन होगा। उन्होंने कहा कि भारत के युवा वैश्विक चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन, चिकित्सा, आपदा प्रबंधन और तकनीक के समाधान में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों को चाहिए कि वे छात्रों में संवैधानिक मूल्यों, कर्तव्य-बोध और राष्ट्रहित की भावना को और मजबूत करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *