ममता का कोई भी खेल अब नहीं चल सकता उसका हारना तय है – इंजीनियर श्याम सुंदर पोद्दार, भूतपूर्व महा सचिव जादवपुर विश्व विद्यालय स्टूडेंट्स यूनियन

भारत की राजनीति में ममता बनर्जी एक सफल खिलाड़ी है।समय समय पर राजनैतिक खेल सफलता पूर्वक खेलने में माहिर है ।कांग्रेस में थी तो अपने प्रतिद्वंदी सोमेन मित्रा के विरुद्ध उसने गले में दुपट्टा डाल कर फाँसी खाने का प्रयास किया। बिस्वासघात करने में प्रथम श्रेणीकी कुशल कारीगर काँग्रेस् से अलग होकर तृणमूल को कांग्रेस से वाजपेयी जी की ख्याति का लाभ उठा कर बड़ा प्रतिष्टित किया फिर वाजपेयी जी की पीठ में छुरा मारा और सोनिया गांधी के सहयोग से २०११ चुनाव जीती ।

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को खत्म करदिया और सोनिया गांधी की पीठ में छुरा मारा ।बीजेपी के २ सांसद से १८ सांसद चुने गए । इसका एक मात्र कारण है सीपीएम से १ करोड़ हिंदू सरनार्थी वोट बीजेपी में आए ।१२८ बिधान सभा क्षेत्र में बीजेपी को बढ़त मिली ।टीएमसी कों १६१ बिधान सभा क्षेत्र में बढ़त मिली और कांग्रेस कों २४ बिधान सभा क्षेत में बढ़त मिली और ५५ लाख मुस्लिम वोट मिले । पिछले चुनाव में बीजेपी १२८ से बढ़ कर १८० सिट अवश्य पायेगी ये सोच कर ममता ने अपनी हार से बचने के लिए करोड़ो रुपए देकर प्रशांत किशोर की सेवा ली । बीजेपी सोनार बंगला बनायेंगे विपरीत बंगाल चाहता है बंगाल की बेटी बनाम बाहरी मोदी में बदल दिया। बीजेपी भी कोई मुख्य मंत्री का नाम घोषित नहीं कर सकी इससे ममता को बंगाल की बेटी बनाम बनाम बाहरी वाला मोदी बनाने में सफलता मिली । कांग्रेस के ५५ लाख वोट टीएमस में लाने के लिए ममता ने भी मुसलमानों में नारा दिया की यदि बीजेपी जीत् गई तो एनआरसी लगा देगी । इस कारण कांग्रेस का ५५ लाख वोट टीएमसी को मिल गया । बीजेपी ने भी सीपीएम पर हमला नहीं किया क्यों की सीपीएम का नारा होता था की पाकिस्तान को मानने होगा तभी देश स्वाधीन होगा । पाकिस्तान बना कर पहले आपको शरणार्थी बनाया और यह आज़ादी झूठी है का नारा देकर आपका समर्थन लिया ।

ममता ने दूध देने वाली गाय मुस्लिम कट्टर पंथ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और बंगाल में मुस्लिम राज स्थापित किया । ममता के मुस्लिम राज में टीएमसी के मुसलमान गुंडे हिन्दुवो को खले में दुर्गा पूजा काली पूजा मनाने नहीं देते जैसे मुगल काल में हिंदू खुले में पूजा नहीं कर सकता था । आज ममता का मुस्लिम राज मुगल काल है । दुर्गा प्रतिमा पर टीएमसी के मुस्लिम गुंडे हमला करते हैं । पुलिसकी गाड़ी में दुर्गा प्रतिमा को जाना पड़ता है ।

ये हिंदू धर्म को बचाने की शेष लड़ाई है । यदि ममता को हिंदुत्व वालीशक्तियां हरा नहीं पायी तो हिंदू धर्म बंगाल में शेष है और बंगाली हिंदू के लिए यह लड़ाई बचने की अंतिम लड़ाई है ।यह लड़ाई जीतनी होगी । ममता परिवर्तन लाएगी सोच कर बंगाल की जनता ने उसे वोट दिया। कारखाने लगेंगे बेकारी खत्म होगी लेकिन मानता ने कारखाने नहीं लगाये और सिंडिकेट राज क़ायम किया ।यहाँ नई कंपनी आना तो दूर पुरानी कंपनियां बंगाल छोड़ कर जा रही है। बंगाल में चारा चोर लालू के भ्रष्ट शासन से भी अधिक भ्रष्ट शासन है। ममता अमित शाह पर आरोप लगाती है की वह घुसपैठियो को रोक नहीं पाते। बंगाल की जनता समझ गई है की ममता घुसपैठ करवाती है इसीलिए केंद्र सरकार को सीमा पर ज़मीन नहीं देती और घुसपैठियों को आधार कार्ड ,राशन कार्ड और वोटर कार्ड देती है ।

अब ममता पाव तोड़ कर कोई नाटक नहींकर सकती।इस बार बंगाल का एजेंडा फिक्स्ड है । बंगाल की हिंदू जनता बंगाल को बचाने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालना चाहती है । ममता बैनर्जी इनको रखना चाहती है और बीजेपी इनको निकालना चाहती है । बंगाल की हिंदू जनता ममता के मुस्लिम राज से बंगाल को मुक्त करना चाहती है जो बंगाल के प्रत्येक हिंदू की आकांक्षा है ।

ममता के राज में १५ वर्षों में कोई उद्योग नहीं आया क्यों की उद्योग पतियों को ममता के सिंडिकेट राज में आने से परहेज है । बंगाल की जनता जानती है की बंगाली युवकों की बेकारी तभी खत्म होगी जब नए कारखाने लगेंगे जैसे बीजेपी के राज्यों में लगते हैं । ममता बंगाल कि जानता के इन एजेंडों को बंगाल के बेटी बनाम बाहरी मोदी में नहीं बदल सकती ।
ममता अपना पाव तोड़ना तो दूर अपना सर फोड़ कर भी एजेंडा बदल नहीं कर सकती ।

बीजेपी को पिछले चुनाव में १८० सीट मिलनी थी किंतु प्रशांत किशोर के चलते सिर्फ ७७ सीट मिली। आने वाले चुनाव मे बीजेपी १८० नहीं २०० से अधिक सीट जीतेगी और ममता को १०० सीटें भी नहीं मिलेंगी ये मेरी भविष्यवाणी है।

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