भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) और पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से आज नई दिल्ली के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थित 1क्यूसीआई में ‘विकसित ग्राम से विकसित भारत’ विषय पर केन्द्रित सरपंच संवाद राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन का आयोजन किया। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज, जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के सचिव अशोक के.के. मीणा और क्यूसीआई के अध्यक्ष श्री जैक्सय शाह सहित वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इस सम्मेलन ने देश भर के 60,000 से अधिक सरपंचों को सरपंच संवाद मोबाइल ऐप से सफलतापूर्वक जोड़ने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जिससे जमीनी स्तर के नेताओं का अपनी तरह का पहला डिजिटल समुदाय बना। इसमें 22 राज्यों के 75 प्रतिष्ठित सरपंच एक साथ आए, जिन्होंने पिछले दिन आयोजित एक कार्यशाला में स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) से लिए गए पांच विषयगत क्षेत्रों पर सार्थक चर्चा की।
अपने उद्घाटन भाषण में, सी.आर. पाटिल ने जोर देकर कहा कि सरपंच संवाद ने यह दर्शाया है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण समाधान साझा करने हेतु उन्हें एकजुट और सशक्त बना सकते हैं। केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि हमारा अगला लक्ष्य सभी 2.5 लाख सरपंचों को इस प्लेटफॉर्म पर लाना है, ताकि हर गांव स्वच्छता और सुरक्षा के स्तंभों पर साथ मिलकर प्रगति कर सके और विकसित भारत 2047 की दिशा में भारत की यात्रा को गति दे सके।
पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने अपने विचार साझा करते हुए, क्षमता निर्माण की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा, “ई-गवर्नेंस और ई-ग्राम स्वराज, पीएआई एवं सभा सार जैसे आईसीटी उपकरणों के जरिए, मंत्रालय जमीनी स्तर पर शासन को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। सही मायने में विकसित ग्राम पंचायतों के निर्माण हेतु हमें ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों को मजबूत करना होगा, पारदर्शिता के लिए ई-गवर्नेंस को अपनाना होगा और हर पहल में गुणवत्ता का समावेश करना होगा।”
इस अवसर पर बोलते हुए, जल शक्ति मंत्रालय के सचिव अशोक के. के. मीणा ने कहा, “सरपंच संवाद केवल एक डिजिटल प्लेटफॉर्म मात्र नहीं है – यह ग्राम स्तर के नेतृत्व को मजबूत करने का एक आंदोलन है। ज्ञान के आदान-प्रदान और साथियों से सीखने को सक्षम बनाकर, यह सरपंचों को अपने गांवों को खुले में शौच से मुक्त, स्वच्छ और सुजल बनाने के लिए सशक्त बनाता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए तकनीक, गुणवत्ता मूल्यांकन और डिजिटल शासन महत्वपूर्ण हैं।”
इस अवसर पर बोलते हुए, क्यूसीआई के अध्यक्ष श्री जैक्सय शाह ने कहा, “आज हम इस पहल के जरिए 60,000 से अधिक सरपंचों को जोड़ चुके हैं, लेकिन हमारा सफर यहीं नहीं रुकता। मैंने अपनी टीम के लिए इस अक्टूबर तक 75,000 अतिरिक्त सरपंचों को जोड़ने और हमारे प्रिय दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस तक 1,00,000 सरपंचों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।”
जमीनी स्तर पर जल और स्वच्छता आधारित विकास को आगे बढ़ाने हेतु साझा प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने वाले समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के बाद जल शक्ति मंत्रालय के डीडीडब्ल्यूएस के बीच सहयोग के अलावा, इस सम्मेलन में प्रमुख चुनौतियों, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों और आगे की राह पर प्रकाश डाला गया, जिन पर पिछले दिन की कार्यशाला के दौरान स्पष्ट रूप से चर्चा की गई थी।
इस सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण परिणाम सरपंच संवाद मोबाइल ऐप पर 17 सितंबर, 2025 से 25 दिसंबर, 2025 (सुशासन दिवस) तक 100-दिवसीय सुशासन चुनौती की शुरुआत की घोषणा थी। यह चुनौती देश भर में सरपंचों के नेतृत्व वाले अभियानों को गति प्रदान करेगी और राष्ट्रीय प्रगति के उत्प्रेरक के रूप में पंचायतों की भूमिका को सुदृढ़ करेगी।
इस सम्मेलन का समापन सरपंच संवाद मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के दस्तावेजीकरण एवं प्रसार के लिए विचार-विमर्श और प्रतिबद्धता के साथ हुआ ताकि पंचायत के नेतृत्व वाले विकास में निरंतर साथियों से सीखने की प्रक्रिया और अनवरत गति सुनिश्चित हो सके।
क्यूसीआई के बारे में
भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई), भारत सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता मानकों को स्थापित करने और बढ़ावा देने के लिए स्थापित एक प्रमुख स्वायत्त निकाय है। क्यूसीआई अपने घटक बोर्डों एवं प्रभागों के जरिए उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं का स्वतंत्र तृतीय-पक्ष मूल्यांकन करता है, जिससे गुणवत्ता की ऐसी संस्कृति को बढ़ावा मिलता है जो प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रभावित करती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) इसका नोडल केन्द्र है।