पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने समुद्री नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी मद्रास में एमएआर-ए-थॉन 2025 का शुभारंभ किया

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय पत्तन, जलमार्ग और तट प्रौद्योगिकी केंद्र आईआईटी मद्रास, राष्ट्रीय समुद्री परिसर और चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण के सहयोग से आज आईआईटी मद्रास में एमएआर-ए-थॉन 2025-भारत के समुद्री हैकथॉन का शुभारंभ किया। सागरमाला स्टार्ट-अप नवाचार पहल (एस2I2) के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार, स्टार्ट-अप और उद्यमिता को बढ़ावा देना है और यह भारत समुद्री सप्ताह 2025 का पूर्वाभ्यास है।

अपने उद्घाटन संबोधन में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टीके रामचंद्रन ने भारत के समुद्री क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित विकास के महत्व पर बल दिया और अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच संबंधों को मज़बूत करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि एमएआर-ए-थॉन जैसी पहल उद्योग की चुनौतियों की पहचान करने और समुद्री अमृतकाल 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप स्केलेबल, नवोन्मेषी समाधानों का समर्थन करने में उत्प्रेरक का कार्य करेंगी।

कार्यशाला में हैकथॉन वीडियो, आधिकारिक वेबसाइट और ब्रोशर का लोकार्पण किया गया, साथ ही एमएआर-ए-थॉन 2025 के लिए नवाचार चुनौतियों और समय-सीमा का अनावरण भी किया गया:

  • 25 अगस्त से 29 सितंबर, 2025: स्टार्ट-अप के लिए आवेदन विंडो
  • 16 से 18 अक्टूबर, 2025: आईआईटी मद्रास में एमएआर-ए-थॉन हैकथॉन
  • भारत समुद्री सप्ताह 2025: पुरस्कार समारोह और चयनित स्टार्ट-अप के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर

चयनित स्टार्ट-अप्स को अपने नवाचारों को बढ़ाने के लिए उपलब्धि आधारित वित्तपोषण सहायता मिलेगी:

  • अवधारणा का प्रमाण 10 लाख रूपए तक
  • सीड फंडिंग (न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद): 60 लाख रूपए तक
  • टेक पायलट अनुदान (व्यावसायिक विस्तार): एक करोड़ रूपए तक

कार्यक्रम में “एनएवीआईसी#9-अनुसंधान, नवाचार, स्टार्ट-अप और उद्यमिता” पर एक पैनल चर्चा की गई और इसमें नीति निर्माताओं, उद्योग प्रमुखों, शिक्षाविदों और स्टार्ट-अप को सहयोग और नीति समर्थन देने से जुड़े अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया।

कार्यक्रम का समापन स्टार्ट-अप प्रदर्शनी और सुधा एवं शंकर इनोवेशन हब के भ्रमण के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने भारत के समुद्री क्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाली उभरती प्रौद्योगिकियों और विचारों पर चर्चा की।

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एमएआर-ए-थॉन 2025, समुद्री भारत विजन 2030 और अमृतकाल विजन 2047 के दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप, नवाचार को बढ़ावा देने, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और नीली अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत इकोसिस्‍टम के निर्माण पर मंत्रालय के निरंतर प्रोत्‍साहन को दर्शाता है।

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