राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया कि मुंबई हवाई अड्डे पर एक 80 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई क्योंकि एयरलाइन से पूर्व अनुरोध करने के बावजूद उसे व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण उसे पैदल चलना पड़ा। कथित तौर पर, भारतीय मूल के अमेरिकी पासपोर्ट धारक को अपनी पत्नी के साथ पैदल चलना पड़ा, लेकिन आप्रवासन क्षेत्र के रास्ते में लगभग 1.5 किलोमीटर चलने के बाद वह गिर गया।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो यह पीड़ित के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। तदनुसार, आयोग ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें मृतक के निकटतम सम्बन्धी को प्रदान किए गए मुआवजे की स्थिति, यदि कोई हो, शामिल होनी चाहिए। आयोग यह भी जानना चाहेगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए/उठाए जाने का प्रस्ताव है।
नोटिस जारी करते हुए आयोग ने यह भी पाया है कि हवाई यात्रियों की संख्या के साथ-साथ हवाई किराए में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है लेकिन सुविधाओं के मानक में आनुपातिक रूप से सुधार नहीं हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप मीडिया में कई शिकायतें दर्ज की गईं और सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उस फ्लाइट में 32 व्हीलचेयर यात्री थे, लेकिन वहां उनकी मदद के लिए केवल 15 कर्मचारी ही मौजूद थे। पत्नी व्हीलचेयर पर बैठी थी तथा उसका पति उसके पीछे पैदल चल रहा था और कुछ देर बाद वह गिर गया। बुजुर्ग दंपत्ति न्यूयॉर्क से भारत की यात्रा हेतु आए थे।