कोविद संचालन में लापरवाही ड्राइव इन,डोर टू डोर से बडी मात्रा में टीके होरहे नष्ट

भुवनेश्वर, बिना सोचे समझे,बिना आगे पीछे का हिसाब किये बडी लापरवाही, खामखियाली से बिना ओथोरिटी की अनुमति के केवल झूठी शान शौकत और प्रचार प्रसार के लिए राजधानी भुवनेश्वर में पिछले दो महीने पहले आरंभ हुआ था ड्राइव इन वैक्सीनेशन प्रोग्राम.

इस ड्राइव इन वैक्सीनेशन प्रोग्राम में धनशाली लोग रसुलगढ स्थित एस्पलानेड मोल परिसर में आते थे कार से,कार पार्किंग स्थान पर कार में बैठे बैठाये ही उनको तुरंत वैक्सीन लगा दीजाती थी,15 दिन पहले तक.

अचानक किसी उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी की दृष्टि गयी इस अजीबोगरीब प्रोग्राम पर.आदेश उपर से आया, किसके कहने पर यह अजीब प्रोग्राम चल रहा है.

उपर से आदेश आतेही ,नीचे के अधिकारियों पर जैसे पहाड टूट पडा, बेफजूल ड्राइव इन वैक्सीन पर नीचे का कोई अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हुआ.फलस्वरूप ड्राइव इन वैक्सीन को तुरंत 15 दिन पहले आननफानन में बंद करना पडा.

उल्लेखनीय है कि उपरोक्त ड्राइव इन प्रोग्राम के कारण से हररोज भुवनेश्वर में असंख्य वैक्सीन डोज नष्ट भी होते थे,इसका कारण यह है कि किसदिन कितने लोग वैक्सीन के लिए आयेंगे ,पता नहीं था ,वैक्सीन बक्से से निकाल कर रख दीजाती थी ,जितनी लगी बाकी बडी मात्रा में रोज नष्ट होती थी.

अब बिएमसी को भुवनेश्वर में नया खामखियाली का नशा चढा है,नशा है,डोर टू डोर वैक्सीन देने का.यह प्रोग्राम ब्रहमपुर मुनिसपालटी शुरु कर के कुछ दिन में बंद कर दी.इसकी वजह है ,अकारण से ज्यादा मात्रा में वैक्सीन नष्ट होना.कटक में सिएमसी ने इसी प्रोग्राम की घोषणा कर ,पीछे हटगयी,प्रोग्राम नहीं करायी .

अफसोस बिएमसी किसी से शिक्षा नहीं लेरही,अपनी मनमर्जी कर रही है,डोर टू डोर वैक्सीन प्रोग्राम, आगे बहूमूल्य वैक्सीन डोज नष्ट होने ही हैं,बिएमसी के लिए तो है सरकार का माल दरिया में डाल पोलिसी.

इसके अलावा पूरे राज्य में कोरोना नेगेटिव, पोजिटिव खेल भी चल रहा है धडल्ले से.एक ही शहर में सरकारी टेस्टिंग रिपोर्ट अगर नेगेटिव आती है तो प्राइवेट में पोजिटिव आती है ,एक ही समय पर .सरकार को इसपर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए ,जिससे लोगों में संशय का माहौल न हो.